एसबीसी आरक्षण पर राजस्थान सरकार को सुप्रीम कोर्ट से राहत, यथास्थिति बनाए रखने के दिए आदेश
नई दिल्ली। राजस्थान में गुर्जरों समेत पांच जातियों को विशेष पिछड़ा वर्ग (एसबीसी) आरक्षण के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को बड़ी राहत प्रदान की है। इस मामले में राजस्थान हाई कोर्ट के स्टे को लेकर राज्य सरकार की अपील पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिए हैं।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार, वर्तमान में चल रही भर्तियों और प्रवेश में दिए गए आरक्षण पर रोक लगाने से इंकार किया गया है। वहीं भविष्य में होने वाली भर्तियों और प्रवेश में एसबीसी के तहत गुर्जर सहित दूसरी जातियों को पांच फीसदी आरक्षण देने पर रोक जारी रहेगी।
गौरतलब है कि राजस्थान हाईकोर्ट ने 10 दिसंबर को गुर्जर सहित पांच जातियों गाडिया लुहार, बंजारा, रेबारी राइका को एसबीसी में पांच फीसदी आरक्षण देने वाले अधिनियम-2015 और इसकी 16 अक्टूबर 2015 को जारी अधिसूचना को शुक्रवार को रद्द कर दिया था।
अदालत ने ओबीसी कमीशन की रिपोर्ट को गलत बताते हुए कहा कि राज्य सरकार ने संविधान और सुप्रीम कोर्ट के फैसलों के विपरीत जाकर एसबीसी को आरक्षण दिया है। ऐसे में आरक्षण की पचास फीसदी सीमा का उल्लंघन नहीं हो सकता और न ही राज्य सरकार द्वारा पचास प्रतिशत से ज्यादा आरक्षण की सीमा का उल्लंघन किया जा सकता है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार, वर्तमान में चल रही भर्तियों और प्रवेश में दिए गए आरक्षण पर रोक लगाने से इंकार किया गया है। वहीं भविष्य में होने वाली भर्तियों और प्रवेश में एसबीसी के तहत गुर्जर सहित दूसरी जातियों को पांच फीसदी आरक्षण देने पर रोक जारी रहेगी।
गौरतलब है कि राजस्थान हाईकोर्ट ने 10 दिसंबर को गुर्जर सहित पांच जातियों गाडिया लुहार, बंजारा, रेबारी राइका को एसबीसी में पांच फीसदी आरक्षण देने वाले अधिनियम-2015 और इसकी 16 अक्टूबर 2015 को जारी अधिसूचना को शुक्रवार को रद्द कर दिया था।
अदालत ने ओबीसी कमीशन की रिपोर्ट को गलत बताते हुए कहा कि राज्य सरकार ने संविधान और सुप्रीम कोर्ट के फैसलों के विपरीत जाकर एसबीसी को आरक्षण दिया है। ऐसे में आरक्षण की पचास फीसदी सीमा का उल्लंघन नहीं हो सकता और न ही राज्य सरकार द्वारा पचास प्रतिशत से ज्यादा आरक्षण की सीमा का उल्लंघन किया जा सकता है।
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