चिकित्सा संस्थानों के 100 मीटर के दायरे में तंबाकू सामग्री बेचना वर्जित
अजमेर। चिकित्सा संस्थानों के आसपास तंबाकू सामग्री का उपयोग करना महंगा पड़ेगा तथा अस्पताल से 100 मीटर के दायरे में तंबाकू उत्पाद बेचना वर्जित है। यह बात चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के जिला तम्बाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ (आईडीएसपी सैल) की बैठक में कही गई।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त निदेशक तथा एनटीसीपी एवं आईडीएसपी जयपुर के राज्य नोडल अधिकारी डाॅ. एस.एन. धोलपुरिया ने कहा कि निदेशालय से जारी निर्देशो के अनुसार चिकित्सा संस्थान के आस-पास तम्बाकू उपयोग करना मंहगा पडेगा तथा अस्पताल से 100 गज के दायरे मे कोई तंबाकू उत्पाद नही बिक सकेगें। उन्होने बताया कि जिले के सभी चिकित्सा संस्थानो के समीप अब तंबाकू उत्पादो की बिक्री नही होगी। सभी चिकित्सा केन्द्रो को तम्बाकू मुक्त बनाने एवं उत्पादो के उपयोग पर प्रतिबन्ध हेतु प्रमुख चिकित्सा अधिकारी एवं समस्त बीसीएमओ को इसके लिए निर्देश जारी किये जा चुके है। उन्हे 10 दिन का समय देकर क्षेत्र मे संचालित चिकित्सा संस्थान, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द,प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, उप स्वास्थ्य केन्द्र एवं कार्यालय परिसर मे तंबाकू के उपयोग पर पाबंन्दी रहेगी।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. के.के. सोनी ने कहा कि विद्यालयोे की तरह अब चिकित्सा संस्थान व उसके आस-पास का क्षेत्र भी धुम्रपान वर्जित रहेगें। यदि कोई इस क्षेत्र में धुम्रपान करता पाया गया तो उससे 200 रू तक का जुर्माना वसूला जायेगा। कोटपा कानून के मुताबित अब अस्पताल के 100 गज के दायरे मे किसी भी प्रकार के तंबाकू उत्पाद की बिक्री पूरी तरह से प्रतिबंधित होगी। इसकी सूचना सभी चिकित्सा संस्थानो पूर्व मे दे दी गई है तथा उल्लघंन पर निगरानी रखने के लिए एक निगरानी समिति का गठन प्रत्येक चिकित्सा संस्थान पर किया जायेगा। निगरानी समिति के द्वारा प्रत्येक माह इस संबध मे की गई प्रगति रिपोर्ट संस्था प्रभारी एवं ब्लाॅक चिकित्सा अधिकारी को प्रेषित की जायेगी।
बैठक में आईडीएसपी रिपोर्टिग पर ब्लाॅक स्तर पर भी विशेष ध्यान दिये जाने हेतु पाबंद किया। आईडीएसपी रिपोर्टिंग की बीसीएमओ द्वारा व्यक्तिगत मोनिटरिंग किये जाने हेतु निर्देशित किया। पायलेट प्रोजेक्ट हेतु अजमेर का चयन किये जाने पर डाॅ जयंति सिंह ने आईडीएसपी के नये एस,पी,एल फाॅर्म के बारे मे सभी बीसीएमओ को विस्तृत जानकारी दी और इस हेतु बीसीएमओ से सुझाव मांगे।
इस अवसर पर डाॅ. लाल थदानी उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, ईएसआई अधिकारी,नई दिल्ली डाॅ. जयंति सिंह, स्टेट एपिडिमियोलोजिस्ट डाॅ दीपा मीणा, स्टेट माइक्रोबायलोजिस्ट डाॅ. रूचि सिंह, आईडीएसपी, एनटीसीपी शाखा कार्मिक तथा सभी ब्लाॅक मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं बीपीएम मौजुद थे।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त निदेशक तथा एनटीसीपी एवं आईडीएसपी जयपुर के राज्य नोडल अधिकारी डाॅ. एस.एन. धोलपुरिया ने कहा कि निदेशालय से जारी निर्देशो के अनुसार चिकित्सा संस्थान के आस-पास तम्बाकू उपयोग करना मंहगा पडेगा तथा अस्पताल से 100 गज के दायरे मे कोई तंबाकू उत्पाद नही बिक सकेगें। उन्होने बताया कि जिले के सभी चिकित्सा संस्थानो के समीप अब तंबाकू उत्पादो की बिक्री नही होगी। सभी चिकित्सा केन्द्रो को तम्बाकू मुक्त बनाने एवं उत्पादो के उपयोग पर प्रतिबन्ध हेतु प्रमुख चिकित्सा अधिकारी एवं समस्त बीसीएमओ को इसके लिए निर्देश जारी किये जा चुके है। उन्हे 10 दिन का समय देकर क्षेत्र मे संचालित चिकित्सा संस्थान, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द,प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, उप स्वास्थ्य केन्द्र एवं कार्यालय परिसर मे तंबाकू के उपयोग पर पाबंन्दी रहेगी।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. के.के. सोनी ने कहा कि विद्यालयोे की तरह अब चिकित्सा संस्थान व उसके आस-पास का क्षेत्र भी धुम्रपान वर्जित रहेगें। यदि कोई इस क्षेत्र में धुम्रपान करता पाया गया तो उससे 200 रू तक का जुर्माना वसूला जायेगा। कोटपा कानून के मुताबित अब अस्पताल के 100 गज के दायरे मे किसी भी प्रकार के तंबाकू उत्पाद की बिक्री पूरी तरह से प्रतिबंधित होगी। इसकी सूचना सभी चिकित्सा संस्थानो पूर्व मे दे दी गई है तथा उल्लघंन पर निगरानी रखने के लिए एक निगरानी समिति का गठन प्रत्येक चिकित्सा संस्थान पर किया जायेगा। निगरानी समिति के द्वारा प्रत्येक माह इस संबध मे की गई प्रगति रिपोर्ट संस्था प्रभारी एवं ब्लाॅक चिकित्सा अधिकारी को प्रेषित की जायेगी।
बैठक में आईडीएसपी रिपोर्टिग पर ब्लाॅक स्तर पर भी विशेष ध्यान दिये जाने हेतु पाबंद किया। आईडीएसपी रिपोर्टिंग की बीसीएमओ द्वारा व्यक्तिगत मोनिटरिंग किये जाने हेतु निर्देशित किया। पायलेट प्रोजेक्ट हेतु अजमेर का चयन किये जाने पर डाॅ जयंति सिंह ने आईडीएसपी के नये एस,पी,एल फाॅर्म के बारे मे सभी बीसीएमओ को विस्तृत जानकारी दी और इस हेतु बीसीएमओ से सुझाव मांगे।
इस अवसर पर डाॅ. लाल थदानी उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, ईएसआई अधिकारी,नई दिल्ली डाॅ. जयंति सिंह, स्टेट एपिडिमियोलोजिस्ट डाॅ दीपा मीणा, स्टेट माइक्रोबायलोजिस्ट डाॅ. रूचि सिंह, आईडीएसपी, एनटीसीपी शाखा कार्मिक तथा सभी ब्लाॅक मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं बीपीएम मौजुद थे।
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