अजमेर में संस्कृत काॅलेज के भवन का शिलान्यास, 6.5 करोड़ से होगा निर्माण
अजमेर। उच्च एवं संस्कृत शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी ने प्रदेश में 3200 संस्कृत शिक्षा के शिक्षकों एवं व्याख्याताओं की भर्ती की घोषणा की है। इसके लिए अभ्यर्थना राजस्थान लोक सेवा आयोग को भिजवा दी गई है। इसके साथ ही राज्य के काॅलेजों के सुदृढ़ीकरण के लिए 100 काॅलेजों को 2-2 करोड़ रूपये दिए जा रहे है। प्रदेश में संस्कृत व उच्च शिक्षा के विकास के लिए राज्य सरकार पूरी गंभीरता से काम कर रही है।
माहेश्वरी ने आज शिक्षा राज्य मंत्री वासुदेव देवनानी के साथ लोहागल में राजकीय आचार्य संस्कृत महाविद्यालय के नये भवन का शिलान्यास किया। इस अवसर आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि राज्य में संस्कृत शिक्षा के उत्थान के लिए राज्य सरकार गंभीरता से कार्य कर रही है। लम्बे समय से शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने स्वयं रूचि दिखायी है। प्रदेश में संस्कृत शिक्षा में 3 हजार 200 शिक्षकों एवं व्याख्याताओं की भर्ती की जाएगी।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने निर्णय किया है कि संस्कृत शिक्षा के यह नये शिक्षक जल्द से जल्द स्कूलों और काॅलेजों को उपलब्ध हो जाए। इसके लिए राजस्थान लोक सेवा आयोग को अभ्यर्थना भेजकर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए जा रहे है। नये शिक्षकों के आने तक शिक्षा विभाग के सहयोग से स्कूलों में अध्यापन कार्य को गति दी जाएगी। इसके साथ ही प्रदेश के 100 काॅलेजों को 2-2 करोड़ रूपये दिए जा रहे है। ताकि वे अपने इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत कर सकें।
माहेश्वरी ने संस्कृत शिक्षा से जुड़े शिक्षकों, विद्वानों एवं विद्यार्थियों से आग्रह किया कि इस भाषा के उत्थान के लिए पूरे मन से प्रयास करें। हमें इसके साहित्यिक एवं सामाजिक स्वरूप का भी ज्यादा से ज्यादा प्रचार करना चाहिए।
देवनानी ने कहा कि संस्कृत सिर्फ देववाणी ही नहीं बल्कि विज्ञान वाणी भी है। वर्तमान में दुनियां में जितने भी वैज्ञानिक नवाचार और आविष्कार हो रहे है। उनके पीछे कही न कही हमारे वेद ही है। संस्कृत भाषा का लोहा तो नासा भी मानता है। हमें इस देववाणी को जनवाणी बनाने के लिए पूरी गंभीरता के साथ समन्वित प्रयास करने होंगे।
उन्होंने कहा कि हमने कई सालों तक प्रयास के बाद संस्कृत काॅलेज के भवन के लिए बजट स्वीकृत कराया है। अब शिक्षक भी काॅलेज में नामांकन बढ़ाने के लिए प्रयास करें। उन्होंने लोहागल गांव को मिली इन सौगातों पर बधाई देते हुए कहा कि गांव में पेयजल समस्या का समाधान कर दिया गया है। अन्य विकास कार्य भी करवाए जा रहे है। शहर के आसपास विभिन्न गांवों में पेयजल समस्या के निराकरण के लिए 15 करोड़ रूपये की स्वीकृति दी गई है।
कार्यक्रम को संस्कृत शिक्षा विभाग के निदेशक विमल कुमार जैन तथा अन्य वक्ताओं ने भी सम्बोधित किया। इससे पूर्व सभी ने वैदिक मंत्रो के भवन की आधारशिला रखी । कार्यक्रम में जिला प्रमुख वंदना नोगिया, अरविन्द यादव, पार्षद रमेश सोनी, महेन्द्र जादम, धर्मेन्द्र शर्मा, जयकिशन पारवानी, भारती श्रीवास्तव, योगेश शर्मा, राजू शर्मा एवं अधिकारियों सहित अन्य अतिथि उपस्थित थे।
माहेश्वरी ने आज शिक्षा राज्य मंत्री वासुदेव देवनानी के साथ लोहागल में राजकीय आचार्य संस्कृत महाविद्यालय के नये भवन का शिलान्यास किया। इस अवसर आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि राज्य में संस्कृत शिक्षा के उत्थान के लिए राज्य सरकार गंभीरता से कार्य कर रही है। लम्बे समय से शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने स्वयं रूचि दिखायी है। प्रदेश में संस्कृत शिक्षा में 3 हजार 200 शिक्षकों एवं व्याख्याताओं की भर्ती की जाएगी।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने निर्णय किया है कि संस्कृत शिक्षा के यह नये शिक्षक जल्द से जल्द स्कूलों और काॅलेजों को उपलब्ध हो जाए। इसके लिए राजस्थान लोक सेवा आयोग को अभ्यर्थना भेजकर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए जा रहे है। नये शिक्षकों के आने तक शिक्षा विभाग के सहयोग से स्कूलों में अध्यापन कार्य को गति दी जाएगी। इसके साथ ही प्रदेश के 100 काॅलेजों को 2-2 करोड़ रूपये दिए जा रहे है। ताकि वे अपने इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत कर सकें।
माहेश्वरी ने संस्कृत शिक्षा से जुड़े शिक्षकों, विद्वानों एवं विद्यार्थियों से आग्रह किया कि इस भाषा के उत्थान के लिए पूरे मन से प्रयास करें। हमें इसके साहित्यिक एवं सामाजिक स्वरूप का भी ज्यादा से ज्यादा प्रचार करना चाहिए।
देवनानी ने कहा कि संस्कृत सिर्फ देववाणी ही नहीं बल्कि विज्ञान वाणी भी है। वर्तमान में दुनियां में जितने भी वैज्ञानिक नवाचार और आविष्कार हो रहे है। उनके पीछे कही न कही हमारे वेद ही है। संस्कृत भाषा का लोहा तो नासा भी मानता है। हमें इस देववाणी को जनवाणी बनाने के लिए पूरी गंभीरता के साथ समन्वित प्रयास करने होंगे।
उन्होंने कहा कि हमने कई सालों तक प्रयास के बाद संस्कृत काॅलेज के भवन के लिए बजट स्वीकृत कराया है। अब शिक्षक भी काॅलेज में नामांकन बढ़ाने के लिए प्रयास करें। उन्होंने लोहागल गांव को मिली इन सौगातों पर बधाई देते हुए कहा कि गांव में पेयजल समस्या का समाधान कर दिया गया है। अन्य विकास कार्य भी करवाए जा रहे है। शहर के आसपास विभिन्न गांवों में पेयजल समस्या के निराकरण के लिए 15 करोड़ रूपये की स्वीकृति दी गई है।
कार्यक्रम को संस्कृत शिक्षा विभाग के निदेशक विमल कुमार जैन तथा अन्य वक्ताओं ने भी सम्बोधित किया। इससे पूर्व सभी ने वैदिक मंत्रो के भवन की आधारशिला रखी । कार्यक्रम में जिला प्रमुख वंदना नोगिया, अरविन्द यादव, पार्षद रमेश सोनी, महेन्द्र जादम, धर्मेन्द्र शर्मा, जयकिशन पारवानी, भारती श्रीवास्तव, योगेश शर्मा, राजू शर्मा एवं अधिकारियों सहित अन्य अतिथि उपस्थित थे।
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