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दबंग आईपीएस के निशाने पर 'भ्रष्टाचारी' आईएएस, पंकज चौधरी ने जड़े तन्मय कुमार पर संगीन आरोप

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जयपुर। प्रदेश की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के कार्यालय में तैनात एक आईएएस अधिकारी पर संगीन आरोप लगने का मामला सामने आया है। ये आईएएस अधिकारी है सीएमओ में तैनात मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के प्रमुख सचिव तन्मय कुमार और इन पर ये आरोप किसी और ने नहीं, बल्कि एक आईपीएस अधिकारी ने लगाए हैं। ये आईपीएस अधिकारी है राजस्थान स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो में पुलिस अधीक्षक पंकज चौधरी, जिन्होंने चिताणु गांव के लोगों की ओर से मिले पत्र के आधार पर तन्मय कुमार पर आरोप लगाते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की है।

आमेर तहसील के चिताणु गांव के लोगों की ओर से मिले पत्र के आधार पर आईपीएस पंकज चौधरी ने मुख्य सचिव अशोक जैन व पुलिस महानिदेशक मनोज भट्ट को पत्र भेजा है, जिसमें उन्होंने पत्र के आधार पर आईएएस तन्मय कुमार पर बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं। साथ ही उन्होंने मुख्य सचिव व डीजीपी से उच्च स्तरीय मामला होने के कारण निष्पक्ष जांच करवाने की मांग भी की है। दरअसल, आईपीएस चौधरी की ओर से भेजे गए पत्र के साथ में जो कागजात सम्मिलित हैं, उनमें चिताणु गांव के वासियों के हवाले से आईएएस तन्मय कुमार पर बेहद गंभीर आरोप लगाए गए हैं।

पंकज चौधरी ने 3 जुलाई 2017 को मुख्य सचिव अशोक जैन व पुलिस महानिदेशक मनोज भट्ट को भेजे गए अपने पत्र में लिखा कि पिछले दिनों उनको चिताणु ग्रामवासियों की ओर से एक पत्र प्राप्त हुआ है, जिसमें तन्मय कुमार पर कई आरोप लगाए गए हैं। उन्होंने आगे लिखा है कि यह नितांत जांच का विषय है, जिसमें एक वरिष्ठ आईएएस पर वे तमाम आरोप लगाए गए हैं, जो नैतिक मूल्यों के साथ पद का दुरुपयोग, भ्रष्टाचार, वित्तीय अनियमितता आदि को रेखांकित कर रहे हैं।

पंकज चौधरी ने अपने लेटर के साथ गांव वालों से मिले पत्र एवं कागजात मुख्य सचिव व डीजीपी को भेजे हैं, जिसमें तन्मय कुमार पर शादीशुदा होते हुए भी एक अविवाहित महिला के साथ नाजायज सम्बं​ध होने के संगीन आरोप लगाए गए हैं। इतना ही नहीं, जयपुर ग्रामीण पुलिस अधीक्षक रामेश्वर सिंह चौधरी पर भी इस महिला के साथ नाजायज सम्बंध होने की बातें कहीं गई हैं। बताया जा रहा है कि यह महिला चिताणु गांव में ही तन्मय कुमार के द्वारा खरीदकर दिलवाए गए फॉर्म हाउस में रहती हैं।

आईपीएस अधिकारी पंकज चौधरी का कहना है कि पत्र मिलने के बाद चिताणु गांव के कुछ लोग उनसे व्यक्तिगत रूप से आकर भी मिले थे, जिन्होंने यह पत्र भेजने की बात कही थी। तीन पेज के इस पत्र में लिखा है कि तन्मय कुमार ने इस महिला के माध्यम से रीको व जेडीए के ठेकेदारों को ठेके दिलवाकर पैसे लिए हैं। साथ ही बताया गया है कि तन्मय कुमार ने कई अन्य जमीनें खरीदकर इस महिला के मिलने वाले लोगों के नाम करवा रखी है। आरोप है कि इस मामले में गांव का सरपंच मामराज गुर्जर व उसका भाई बनवारी भी शामिल है। बताया यह भी जा रहा है कि यह महिला अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में टिकट लेने की भी तैयारी कर रही हैं।

कई अन्य संगीन आरोप के साथ भेजे हुए पत्र में कहा गया है कि तन्मय कुमार इस कथित औरत के माध्यम से कई आईएएस, आईपीएस अधिकारियों की पैसे लेकर पोस्टिंग करवाते हैं, जिनमें हाल ही में भरतपुर पुलिस अधीक्षक अनिल टांक, जयपुर पुलिस आयुक्तालय में डीसीपी साउथ मनीष अग्रवाल व पाली कलेक्टर के नाम भी बताए जा रहे हैं। इतना ही नहीं, जयपुर ग्रामीण एसपी चौधरी का ट्रांसफर भी इसी महिला के मार्फत पैसे लेकर करवाने की बात कही गई है।

इस आरोपी पत्र में आईएएस तन्मय कुमार द्वारा इस कथित पूर्व जज की बेटी युवती को जयपुर के गांधी नगर में एक करोड़ रुपए का एक आलीशान फ्लैट दिलवाने का भी आरोप है। आईपीएस चौधरी द्वारा भेजे हुए पत्र में शामिल कागज में साफ लिखा है कि आईएएस तन्मय कुमार द्वारा जेडीए के पूर्व अधिकारी पवन अरोड़ा से भी एक लग्जरी कार अपनी बहन को दिलवाई थी। ये गाड़ी रैन्ज रोवर कंपनी की है, जिसकी कीमत 50 लाख रुपए बताई जा रही है।

पत्र में मुख्यमंत्री को लिखा है कि आप ईमानदार मुख्यमंत्री हैं, प्रदेश को विकास की ओर ले जा रही हैं, लेकिन इस तरह के अधिकारी आपकी एवं सरकार की छवि को धूमिल करने में जुटे हुए हैं। पत्र में जांच करवाने की बात करते हुए कठोर कार्रवाई की मांग की गई है। इस मामले में आईएएस तन्मय कुमार से बात करने का प्रयास किया गया, लेकिन संपर्क नहीं हो सका है।


बताया जा रहा है कि जैसलमेर एसपी रहते आईपीएस पंकज चौधरी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज बुलंद करने का जो बीड़ा उठाया था, वह आज भी बदस्तूर जारी है। उसके बाद बूंदी एसपी रहते चौधरी ने साम्प्रदायिक दंगों को रोकने के मामले में भी आरोप—प्रत्यारोप लग चुके हैं। बहरहाल, यह पत्र राजस्थान के डीजीपी मनोज भट्ट और मुख्य सचिव अशोक जैन के पास पहुंचने के बाद ब्योरोक्रेसी में तरह—तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। ऐसे में अब ये देखना दिलचस्प हो गया है कि सीएमओ के सबसे बड़े अधिकारी पर लगे इन संगीन आरोपों को लेकर सरकार का क्या रुख रहता है और इन तमाम आरोपों के बारे में सरकार की ओर से क्या कार्यवाही की जाएगी।

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