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शिक्षा राज्यमंत्री ने किया छात्रों से संवाद

अजमेर। शिक्षा एवं पंचायतीराज राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी ने छात्रों का आव्हान किया कि वे अपने जीवन में आगे बढ़ने के लिए क्षमता एवं रूचि के अनुसार लक्ष्य तय करें। वे अपने जीवन में मर्यादा, अनुशासन, समर्पण, प्रयत्न के गुणों को बनाये रखें तभी उनका भविष्य उज्जवल होगा।
   
देवनानी ने बुधवार को युवा संवाद कार्यक्रम के तहत सावन सीनियर उच्च माध्यमिक विद्यालय में छात्र -छात्राओं से सीधा संवाद किया। उन्होंने कहा कि जीवन में सफलता के लिए आत्मविश्वास बेहद जरूरी है। स्कूल में पढ़ाई के दौरान ही उन्हें जीवन के प्रति अपना लक्ष्य तय कर लेना चाहिए। लक्ष्य तय करते समय अपने अभिभावकों एवं गुरूजनों का मार्गदर्शन भी लेना चाहिए।
   
उन्होंने कहा कि छात्रों को विभिन्न विकास योजनाओं, स्वच्छता अभियान की जानकारी के साथ समाचार पत्र पढना जरूरी है उसी से छात्रों को अपने समाज एव आसपास की घटनाओं की जानकारी मिलती रहती है, जो आज के समय में बहुत जरूरी है। उन्होंने सभी छात्रों से शिक्षा, राज्य सरकार की विभिन्न योजनाआें तथा अजमेर शहर में कराए जा रहे विकास कार्यो आदि विषयों पर छात्राओं से बातचीत की। उन्होेंने न सिर्फ स्वयं अपनी बात रखी बल्कि छात्र छात्राओं  के विचारों को भी जाना।
   
कार्यक्रम में देवनानी ने छात्र झिझक छोड़कर पूरे आत्मविश्वास के साथ अपना पथ चुने और पूरे समर्पण व साहस के साथ लक्ष्य प्राप्ति में जुट जाएं। कोई भी लक्ष्य मनुष्य के साहस से बड़ा नही होता।
   
देवनानी ने छात्रों की काउंसलिंग करते हुए उनके प्रश्नों का जवाब दिया। छात्रों ने विज्ञान, गणित, कला, कम्प्यूटर, पत्रकारिता एवं निजी क्षेत्रों में आगे बढ़ने के बारे में प्रश्न किए। शिक्षा राज्यमंत्री ने इन प्रश्नों का जवाब देते हुए उनकी जिज्ञासाओं का समाधान किया।
   
शिक्षा राज्यमंत्री ने छात्र छात्राओं को राज्य सरकार की योजनाओं यथा भामाशाह योजना, भामाशाह स्वास्थ्य बीमा, जलस्वावलंबन अभियान, राजश्री, अन्नपूर्णा सहित विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास है कि सरकारी विद्यालय भी निजी विद्यालयों की तरह कार्य करें तथा बालकों को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा मिलें। उन्होंने बालकों से कहा कि वे भारत की संपूर्ण जानकारी रखें। भारत ने विश्व का नेतृत्व किया है। दुनिया को विज्ञान भारत ने ही सिखाया है। यहां की सभ्यता मोहन जोदड़ों से मिलती है।
   
देवनानी ने कहा कि बालक के मन में उत्तरदायित्व का बोध पैदा हो, इसके लिए उसके स्वभाव में पानी संरक्षण, स्वच्छता एवं कौशल विकास जैसे गुण विकसित किये जायें। छात्र में धैर्य, नम्रता, निपुणता जरूरी है। उन्होंने शिक्षकों से भी कहा कि वे छात्र की जिज्ञासाओं को शांत करें। बच्चों के प्रश्न को दबाया नहीं जाना चाहिए।
   
इस मौके पर शिक्षा राज्यमंत्री ने विद्यालय में अस्सी प्रतिशत से अधिक अंक लाने वाले छात्र-छात्राओं को मेडल, स्मृतिचिन्ह एवं प्रमाण-पत्र वितरित किये। प्रारंभ में विद्यालय के निदेशक हरीश शर्मा ने सभी का स्वागत किया।
   
कार्यक्रम में अतिरिक्त शिक्षा अधिकारी  दर्शना शर्मा, विद्यालय के निदेशक हरीश शर्मा सहित अन्य शिक्षक एवं विद्यार्थी उपस्थित थे। 

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