महिला सुरक्षा पर कार्यशाला आयोजित
अजमेर । महिला अधिकारिता विभाग द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर जिला परिषद के पं.दीनदयाल उपाध्याय सभागार में मंगलवार को महिला सुरक्षा एवं संरक्षण विषय पर कार्यशाला आयोजित हुई। कार्यशाला में महिलाओं की सुरक्षा से संबंधित विषयो पर मंथन किया गया।
भारतीय पुलिस सेवा की अधिकारी मोनिका सेन ने कहा कि अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस का आयोजन होने से महिलाओं में आत्म शक्ति का विकास होता है। महिलाओं को अपनी अहमियत पता चलती है। महिलाओं के प्रति सकारात्मक सोच विकसित करने का दायित्व जितना पुरूषों का है। उतना ही महिलओं का भी है।
महिला अधिकारिता विभाग के कार्यक्रम अधिकारी जितेन्द्र कुमार ने कहा कि महिलाओं की परिवार और कार्यस्थलों पर पर्याप्त सुरक्षा उपलब्ध रहनी चाहिए। भारतीय संस्कृति में महिलाओं का सम्मान करने की परम्परा रही है। इससे महिलाओं की स्वतः ही सुरक्षा हो जाती है।
महिला सुरक्षा एवं सलाह केंद्र की सलाहकार दुर्गा माहेश्वरी ने कहा कि परिवार में छोटी-छोटी बातों पर ध्यान देने से बढ़ी परेशानियों से बचा जा सकता है। परिवार में महिला एवं अन्य सदस्यों में से किसी भी पक्ष के द्वारा गलती हो सकती है। काउंसलिंग के माध्यम से सामंजस्य बैठाकर परिवार को बचाने का कार्य केंद्र द्वारा किया जा रहा है।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के निदेशक संजय सावलानी ने कहा कि जागरूकता से महिलाओं से संबधित योजनाओं का लाभ प्राप्त किया जा सकता है। राज्य सरकार महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए संकल्पबद्ध है। उन्होंने महिलाओं से संबंधित योजनाओं के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्राप्त की।
विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव राकेश गोरा ने कहा कि संवेधानिक अधिकारों का उपयोग करने के लिए योजनाओं तथा संस्थाओं के बारे में जानकारी होना आवश्यक है। प्रत्येक महिला को निःशुल्क अधिवक्ता उपलब्ध करवाए जाने का प्रावधान है।
पीसीपीएनडीटी के जिला समन्वयक ओम प्रकाश टेपण ने लिंग जांच के कानूनी प्रावधानों की जानकारी प्रदान की उन्होंने कहा कि प्रसूता शिशु ट्रेकिंग सिस्टम के अनुसार जन्म लिंगानुपात बढ़कर 929 हो गया है। यह राज्य के लिए प्रसन्नता का विषय है।
इस अवसर पर सीफार, दिशा संस्थाओं के प्रतिनिधियों सहित जिले की प्रचेता एवं साथिन उपस्थित थी।
भारतीय पुलिस सेवा की अधिकारी मोनिका सेन ने कहा कि अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस का आयोजन होने से महिलाओं में आत्म शक्ति का विकास होता है। महिलाओं को अपनी अहमियत पता चलती है। महिलाओं के प्रति सकारात्मक सोच विकसित करने का दायित्व जितना पुरूषों का है। उतना ही महिलओं का भी है।
महिला अधिकारिता विभाग के कार्यक्रम अधिकारी जितेन्द्र कुमार ने कहा कि महिलाओं की परिवार और कार्यस्थलों पर पर्याप्त सुरक्षा उपलब्ध रहनी चाहिए। भारतीय संस्कृति में महिलाओं का सम्मान करने की परम्परा रही है। इससे महिलाओं की स्वतः ही सुरक्षा हो जाती है।
महिला सुरक्षा एवं सलाह केंद्र की सलाहकार दुर्गा माहेश्वरी ने कहा कि परिवार में छोटी-छोटी बातों पर ध्यान देने से बढ़ी परेशानियों से बचा जा सकता है। परिवार में महिला एवं अन्य सदस्यों में से किसी भी पक्ष के द्वारा गलती हो सकती है। काउंसलिंग के माध्यम से सामंजस्य बैठाकर परिवार को बचाने का कार्य केंद्र द्वारा किया जा रहा है।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के निदेशक संजय सावलानी ने कहा कि जागरूकता से महिलाओं से संबधित योजनाओं का लाभ प्राप्त किया जा सकता है। राज्य सरकार महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए संकल्पबद्ध है। उन्होंने महिलाओं से संबंधित योजनाओं के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्राप्त की।
विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव राकेश गोरा ने कहा कि संवेधानिक अधिकारों का उपयोग करने के लिए योजनाओं तथा संस्थाओं के बारे में जानकारी होना आवश्यक है। प्रत्येक महिला को निःशुल्क अधिवक्ता उपलब्ध करवाए जाने का प्रावधान है।
पीसीपीएनडीटी के जिला समन्वयक ओम प्रकाश टेपण ने लिंग जांच के कानूनी प्रावधानों की जानकारी प्रदान की उन्होंने कहा कि प्रसूता शिशु ट्रेकिंग सिस्टम के अनुसार जन्म लिंगानुपात बढ़कर 929 हो गया है। यह राज्य के लिए प्रसन्नता का विषय है।
इस अवसर पर सीफार, दिशा संस्थाओं के प्रतिनिधियों सहित जिले की प्रचेता एवं साथिन उपस्थित थी।
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