1361 में से 876 लोगों ने बताया पुलिस थानों को उत्कृष्ट, महज 263 लोग ही हैं असंतुष्ट
जयपुर। पुलिस थानों के बारे में आमजन की राय जानने के लिए उनका फीडबैक हासिल करने के उद्देश्य से 12 जुलाई 2016 को स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो द्वारा शुरू किए गए ऐप के साथ ही राजस्थान देश का ऐसा पहला राज्य बना था, जिसमें आमजन को पुलिस थानों के बारे में फीेडबैक देने की सुविधा महैया कराई गई है। पिछले साल 12 जुलाई को हुई इस ऐप की लॉन्चिंग के बाद आज 1 साल पूरा होने पर किए गए मूल्यांकन में सामने आया है कि अधिकांश लोगों ने पुलिस थानों के बारे में दिए गए अपने फीडबैक में इनमें काफी सुधार एवं संतोषप्रद बताया है।
स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो द्वारा किए गए पिछले 1 साल के मूल्यांकन के अनुसार, इस अवधि में कुल 1361 लोगों ने पुलिस थानों के बारे में अपनी राय दी है। इनमें से 876 लोगों ने उत्कृष्ट, 147 लोगों ने बहुत अच्छा, 53 लोगों ने अच्छा, 22 ने संतोषजनक और 263 लोगों ने पुलिस थानों को असंतोषजनक बताया है। स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के पुलिस अधीक्षक पंकज चौधरी पुलिस थानों को मिले फीडबैक को लेकर बहुत खुश है, क्योंकि फीडबैक के मुताबिक पुलिस की कार्यप्रणाली से अधिकांश लोग संतुष्ट दिखाई दे रहे हैं।
पंकज चौधरी ने इस बारे में कहा कि, राजस्थान राज्य के थानों को दिया जाने वाला फीडबैक संख्या में कम है। अधिकांश फीडबैक देने के लिए अभी और भी जागरूकता की आवश्यकता है। वहीं उन्होंने कहा कि लोगों को इस बारे में जागरूक होना चाहिए और लगातार पुलिस थानों के बारे में अपनी राय जाहिर करनी चाहिए, जिससे आवश्यकता के अनुसार थानों में एवं वहां की कार्यप्रणाली में सुधार हो सके।
स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो द्वारा किए गए पिछले 1 साल के मूल्यांकन के अनुसार, इस अवधि में कुल 1361 लोगों ने पुलिस थानों के बारे में अपनी राय दी है। इनमें से 876 लोगों ने उत्कृष्ट, 147 लोगों ने बहुत अच्छा, 53 लोगों ने अच्छा, 22 ने संतोषजनक और 263 लोगों ने पुलिस थानों को असंतोषजनक बताया है। स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के पुलिस अधीक्षक पंकज चौधरी पुलिस थानों को मिले फीडबैक को लेकर बहुत खुश है, क्योंकि फीडबैक के मुताबिक पुलिस की कार्यप्रणाली से अधिकांश लोग संतुष्ट दिखाई दे रहे हैं।
पंकज चौधरी ने इस बारे में कहा कि, राजस्थान राज्य के थानों को दिया जाने वाला फीडबैक संख्या में कम है। अधिकांश फीडबैक देने के लिए अभी और भी जागरूकता की आवश्यकता है। वहीं उन्होंने कहा कि लोगों को इस बारे में जागरूक होना चाहिए और लगातार पुलिस थानों के बारे में अपनी राय जाहिर करनी चाहिए, जिससे आवश्यकता के अनुसार थानों में एवं वहां की कार्यप्रणाली में सुधार हो सके।
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