'गौहत्या करने वाले को फांसी का प्रावधान किया जाना चाहिए'
अजमेर। राजस्थान मुस्लिम परिषद की ओर से अजमेर के अंजुमन शेखजादगान गेस्ट हाउस मे देश मे चल रहे नफरत भरे माहौल के विरोध मे परिचर्चा का आयोजन किया गया। इसमे वक्ताओं ने तीखे अंदाज मे भीडतंत्र द्वारा की जा रही हत्याओं को लेकर सरकार व प्रशासन के खिलाफ आक्रोश व्यक्त किया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के तौर पर अंजुमन के पूर्व सचिव सरवर चिश्ती ने केंद्र व राज्य सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि देश मे कभी गाय के नाम पर तो कभी वंदेमातरम और भारतमाता को लेकर खून—खराबा किया जा रहा है और सरकारी नुमाइंदे ऐसा करने वालो के पक्षधर बनकर ऐसे समाजकटकों को प्रोत्साहित कर रहे हैं, जो कि देश के लिये भविष्य मे घातिक साबित होगा।
चिश्ती ने कहा कि अल्पसंख्यक व दलित समुदाय को निशाना बनाकर चलाये जा रहे षडयंत्र से लग रहा है कि देश की सरकार तालिबानी संस्कृति को बढ़ावा दे रही हैं। परिषद के संस्थापक यूनुस चौपदार ने कहा कि ऐसी घटनाओं से देश के मुस्लिम समुदाय मे डर पैदा हो गया और अगर यह डर आक्रोश बनकर बाहर निकला तो ग्रहयुद्ध जैसे हालात बन जाएंगे। इसलिये न्यायपालिका को इस मुद्दे पर विशेष ध्यान देना होगा।
चौपदार ने कहा कि गाय, वदेमातरम और भारत माता के नाम पर ढोंग किया जा रहा है और सिर्फ इसे हिंसा का जरिया बनाया जा रहा है, जबकि इतिहास की तारीखें गवाह रही है कि मुस्लमान हमेशा देश के लिये कुर्बानी देता रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसे समाजविरोधी आंतकियों को पाकिस्तान ने भी बढ़ावा दिया था, जिसका नतीजा आज सबके सामने है। भविष्य मे ऐसे हालात देश मे भी बन सकते हैं। अंजुमन शेखजादगान के सदर सैय्यद अब्दुल जर्रार चिश्ती ने भी ऐसे घटनाओं को लेकर चिता जताई और हुकुमत से ऐसी घटनाओं पर रोकथाम की अपील की।
गाय को राष्ट्रीय माता घोषित करें सरकार :
परिचर्चा के बाद परिषद के कार्यकर्ता दरगाह के निजाम गेट पर पहुंचे जहां उन्होंने नारे लिखी तख्तियां लहराकर घटनाओं का विरोध जताते हुए विभिन्न मांगे रखी। परिषद पदाधिकारियों ने कहा कि देश का बहुसंख्यक समुदाय गाय को माता मानता है, तो सरकार को इनकी भावनाओं का सम्मान करते हुए गाय को राष्ट्रीय पशु नहीं राष्ट्रीय माता घोषित करना चाहिए। साथ ही उन्होंने गाय को युनिक आईडेंटीफिकेशन से जोड़ने की माग की, ताकि गौहत्या पर रोक लगाई जा सके। परिषद के प्रदेश महासचिव मोहम्मद मोईनुदीन ने कहा कि गौहत्या करने वाले को फांसी का प्रावधान किया जाना चाहिए। साथ ही गौरक्षा के नाम पर हत्या करने वालों को भी फांसी दी जाये।
पुलिस को लेकर रही गर्मागर्मी :
कार्यक्रम को लेकर पुलिस को सूचना मिलने के बाद मौके पर तकरीबन 30 पुलिसकर्मी तैनात होने पर परिषद पदाधिकारियों ने कड़ी आपत्ति जताते हुए विरोध किया। परिषद संस्थापक युनुस चौपदार ने भारी तादाद मे लगे जाब्ते को लेकर कहा कि पुलिस शांतिपूर्ण कार्यक्रम मे ऐसी तैय्यारी के साथ पहुंची जैसे कोई अपराधियों को पकडने पहुंची हो, लेकिन यह पुलिस कभी ऐसी घटनाओं के वक्त मौके पर नहीं पहुंचती। चौपदार ने कहा कि पुलिस हमें आंतकित करने का प्रयास ना करें, हम लोकतांत्रित ढंग से हमारी बात रखने मे कतई हिचकिचाने और डरने वाले नहीं हैं।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के तौर पर अंजुमन के पूर्व सचिव सरवर चिश्ती ने केंद्र व राज्य सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि देश मे कभी गाय के नाम पर तो कभी वंदेमातरम और भारतमाता को लेकर खून—खराबा किया जा रहा है और सरकारी नुमाइंदे ऐसा करने वालो के पक्षधर बनकर ऐसे समाजकटकों को प्रोत्साहित कर रहे हैं, जो कि देश के लिये भविष्य मे घातिक साबित होगा।
चिश्ती ने कहा कि अल्पसंख्यक व दलित समुदाय को निशाना बनाकर चलाये जा रहे षडयंत्र से लग रहा है कि देश की सरकार तालिबानी संस्कृति को बढ़ावा दे रही हैं। परिषद के संस्थापक यूनुस चौपदार ने कहा कि ऐसी घटनाओं से देश के मुस्लिम समुदाय मे डर पैदा हो गया और अगर यह डर आक्रोश बनकर बाहर निकला तो ग्रहयुद्ध जैसे हालात बन जाएंगे। इसलिये न्यायपालिका को इस मुद्दे पर विशेष ध्यान देना होगा।
चौपदार ने कहा कि गाय, वदेमातरम और भारत माता के नाम पर ढोंग किया जा रहा है और सिर्फ इसे हिंसा का जरिया बनाया जा रहा है, जबकि इतिहास की तारीखें गवाह रही है कि मुस्लमान हमेशा देश के लिये कुर्बानी देता रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसे समाजविरोधी आंतकियों को पाकिस्तान ने भी बढ़ावा दिया था, जिसका नतीजा आज सबके सामने है। भविष्य मे ऐसे हालात देश मे भी बन सकते हैं। अंजुमन शेखजादगान के सदर सैय्यद अब्दुल जर्रार चिश्ती ने भी ऐसे घटनाओं को लेकर चिता जताई और हुकुमत से ऐसी घटनाओं पर रोकथाम की अपील की।
गाय को राष्ट्रीय माता घोषित करें सरकार :
परिचर्चा के बाद परिषद के कार्यकर्ता दरगाह के निजाम गेट पर पहुंचे जहां उन्होंने नारे लिखी तख्तियां लहराकर घटनाओं का विरोध जताते हुए विभिन्न मांगे रखी। परिषद पदाधिकारियों ने कहा कि देश का बहुसंख्यक समुदाय गाय को माता मानता है, तो सरकार को इनकी भावनाओं का सम्मान करते हुए गाय को राष्ट्रीय पशु नहीं राष्ट्रीय माता घोषित करना चाहिए। साथ ही उन्होंने गाय को युनिक आईडेंटीफिकेशन से जोड़ने की माग की, ताकि गौहत्या पर रोक लगाई जा सके। परिषद के प्रदेश महासचिव मोहम्मद मोईनुदीन ने कहा कि गौहत्या करने वाले को फांसी का प्रावधान किया जाना चाहिए। साथ ही गौरक्षा के नाम पर हत्या करने वालों को भी फांसी दी जाये।
पुलिस को लेकर रही गर्मागर्मी :
कार्यक्रम को लेकर पुलिस को सूचना मिलने के बाद मौके पर तकरीबन 30 पुलिसकर्मी तैनात होने पर परिषद पदाधिकारियों ने कड़ी आपत्ति जताते हुए विरोध किया। परिषद संस्थापक युनुस चौपदार ने भारी तादाद मे लगे जाब्ते को लेकर कहा कि पुलिस शांतिपूर्ण कार्यक्रम मे ऐसी तैय्यारी के साथ पहुंची जैसे कोई अपराधियों को पकडने पहुंची हो, लेकिन यह पुलिस कभी ऐसी घटनाओं के वक्त मौके पर नहीं पहुंचती। चौपदार ने कहा कि पुलिस हमें आंतकित करने का प्रयास ना करें, हम लोकतांत्रित ढंग से हमारी बात रखने मे कतई हिचकिचाने और डरने वाले नहीं हैं।
No comments