वीडियो : गजब का स्वतंत्रता दिवस समारोह, जहां एक बंदर ने फहराया तिरंगा
अजमेर। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर आज देशभर में आजादी का जश्न मनाया गया और लोगों ने देश का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराकर वीर शहीदों की कुर्बानी को नमन किया। देशभर में फहराए गए तिरंगे के बीच एक ऐसा वाकिया पेश आया, जिसने सभी को हैरान कर दिया। तिरंगा फहराने वालों की फेहरिस्त में किसी नामचीन शख्स का नाम तो आपने अक्सर देखा—सुना ही होगा, लेकिन इस फेहरिस्त में अब बंदर भी शामिल हो गए हैं।
जी हां, ये कोई कहानी—किस्सा नहीं, बल्कि सच्चा वाकिया है, जो पेश आया है राजस्थान में अजमेर जिले के पुष्कर में, जहां एक संस्थान में आयोजित किया जा रहा स्वतंत्रता दिवस समारोह उस वक्त अनोखा बन गया, जब यहां एक बंदर ने तिरंगा फहराया। इस वाकिये का वीडियो भी सामने आयो है, जिसे देखकर यह अहसास भी नहीं होता कि यह अनायास ही हुआ है, बल्कि एेसा लगता है जैसे बंदर ने पूरी सोच समझ के साथ ध्वजारोहण किया है।
दरअसल, ये पूरा वाकिया अजमेर जिले के पुष्कर में स्थित गायत्री शक्तिपीठ कन्या महाविद्यालय एवं प्रज्ञा बाल निकेतन में हुआ, जहां स्वतंत्रता दिवस पर सुबह छात्राएं तिरंगा फहराने के लिए सावधान मुद्रा में खड़ी थीं। इसी दौरान वहां अचानक से दो बंदर आ गए। इन दोनों बंदरों में से एक बंदर ने तिरंगे की डोरी पकड़कर जोर से खींच ली। बस फिर क्या था, झंडा फहराने लगा और उसमें बंधे फूल बरसने लगे। हालांकि आयोजकों इसके बाद फिर से तैयारी कर विधिवत रूप से एवं पूरे सम्मान के साथ तिरंगा फहराने की रस्म को पूरा किया।
जी हां, ये कोई कहानी—किस्सा नहीं, बल्कि सच्चा वाकिया है, जो पेश आया है राजस्थान में अजमेर जिले के पुष्कर में, जहां एक संस्थान में आयोजित किया जा रहा स्वतंत्रता दिवस समारोह उस वक्त अनोखा बन गया, जब यहां एक बंदर ने तिरंगा फहराया। इस वाकिये का वीडियो भी सामने आयो है, जिसे देखकर यह अहसास भी नहीं होता कि यह अनायास ही हुआ है, बल्कि एेसा लगता है जैसे बंदर ने पूरी सोच समझ के साथ ध्वजारोहण किया है।
दरअसल, ये पूरा वाकिया अजमेर जिले के पुष्कर में स्थित गायत्री शक्तिपीठ कन्या महाविद्यालय एवं प्रज्ञा बाल निकेतन में हुआ, जहां स्वतंत्रता दिवस पर सुबह छात्राएं तिरंगा फहराने के लिए सावधान मुद्रा में खड़ी थीं। इसी दौरान वहां अचानक से दो बंदर आ गए। इन दोनों बंदरों में से एक बंदर ने तिरंगे की डोरी पकड़कर जोर से खींच ली। बस फिर क्या था, झंडा फहराने लगा और उसमें बंधे फूल बरसने लगे। हालांकि आयोजकों इसके बाद फिर से तैयारी कर विधिवत रूप से एवं पूरे सम्मान के साथ तिरंगा फहराने की रस्म को पूरा किया।
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