गुजरात राज्यसभा चुनाव : फेल हुई भाजपा की लाख कोशिशें और पास हो गए अहमद पटेल
अहमदाबाद। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के गृह राज्य गुजरात में राज्यसभा की तीन सीटों के लिए हुए चुनावों में भाजपा की लाख कोशिशों के बावजूद कांग्रेस के अहमद पटेल राज्यसभा पहुंचने में कामयाब हो गए हैं। अहमद पटले के साथ ही इन चुनावों में भाजपा के अमित शाह और स्मृति ईरानी भी जीत हासिल कर राज्यसभा पहुंचे हैं। जहां तक हार की बात है, वहां कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने वाले बलवंतसिंह राजपूत को हार का सामना करना पड़ा है। गौरतलब है कि राज्यसभा की तीन सीटों के लिए हुए मतदान के बाद यहां बड़ा राजनीतिक पेच फंस गया था और कांग्रेस एवं भाजपा दोनों ने ही चुनाव आयोग का रुख किया था।
चुनाव आयोग तक मामला पहुंचने के बाद शाम 5 बजे से लेकर पूरी रात चल हाईवोल्टेज पॉलीटिकल ड्रामे का अंत आखिरकार उस वक्त हुआ जब देर रात शुरू हुई वोटों की मतगणना के बाद कांग्रेस के अहमद पटेल की जीत की घोषणा की गई। इससे पहले चुनाव आयोग ने कांग्रेस की मांग को मानते हुए कांग्रेस के दो बागी विधायकों के वोटों को रद्द कर दिया था और मतगणना शुरू करने के निर्देश दिए थे। इसके बावजूद काफी देर तक भाजपा ने अपनी शिकायत पर कार्यवाही नहीं होने की बात कहते हुए काउंटिंग शुरू नहीं होने दी थी, लेकिन बाद में काउंटिंग शुरू हुई और करीब पौने दो बजे के आसपास अहमद पटेल की जीत का ऐलान हुआ।
कांग्रेस के चाणक्य कहे जाने वाले अहमद पटेल ने जीत दर्ज कर राज्यसभा में अपनी जगह हासिल की है। पटेल को कुल 44 वोट मिले, वहीं भाजपा की ओर से अमित शाह और स्मृति ईरानी ने भी राज्यसभा में अपनी सीट पक्की की है। राज्यसभा के लिए गुजरात की तीन सीटों पर हुए मतदान में अहमद पटेल के 44 वोटों के अलावा स्मृति ईरानी को 46, अमित शाह को 46 और बलवंत सिंह राजपूत को 38 वोट मिले हैं। ऐसे में भाजपा के अमित शाह और स्मृति ईरानी जीत दिलाने में भाजपा कामयाब हुई, लेकिन कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने वाले बलवंत सिंह राजपूत को पास कराने में फेल हो गई।
जीत के बाद अहमद पटेल ने ट्वीट किया और कहा- सत्यमेव जयते। पटेल ने कहा कि यह सिर्फ मेरी जीत नहीं है। यह सत्ता, पैसे और स्टेट मशीनरी के दुरुपयोग की सबसे जबरदस्त हार है। मैं हर एक विधायक को धन्यवाद देना चाहता हूं, जिन्होंने धमकी और भाजपा के दबाव के बावजूद मेरे लिए वोट डाले। उन्होंने एक समावेशी भारत के लिए मतदान किया। भाजपा का व्यक्तिगत प्रतिशोध और राजनैतिक आतंकवाद का पर्दाफाश हो गया है। गुजरात के लोग इस साल के चुनाव में उन्हें सही उत्तर देंगे।
वहीं गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपानी ने कहा कि चुनाव आयोग के फैसले से सहमत नहीं हैं। आने वाले दिनों में हम कानूनी लड़ाई लड़ेंगे और हमें न्याय मिलेगा।' दरअसल, राज्यसभा चुनाव के लिए वोटिंग के समय कांग्रेस के दो बागी विधायकों राघवजी पटेल और भोला पटेल ने बीजेपी नेताओं को अपनी पर्ची (वोट) दिखाई थी। दोनों विधायकों ने बीजेपी के पक्ष में वोट किया था। जिसके खिलाफ कांग्रेस ने चुनाव आयोग से शिकायत की थी। चुनाव आयोग ने अपने पूर्व फैसले को देखते हुए कांग्रेस के दो बागी विधायकों के वोटों को रद्द कर दिया, जिसका फायदा पटेल को मिला है।
चुनाव आयोग तक मामला पहुंचने के बाद शाम 5 बजे से लेकर पूरी रात चल हाईवोल्टेज पॉलीटिकल ड्रामे का अंत आखिरकार उस वक्त हुआ जब देर रात शुरू हुई वोटों की मतगणना के बाद कांग्रेस के अहमद पटेल की जीत की घोषणा की गई। इससे पहले चुनाव आयोग ने कांग्रेस की मांग को मानते हुए कांग्रेस के दो बागी विधायकों के वोटों को रद्द कर दिया था और मतगणना शुरू करने के निर्देश दिए थे। इसके बावजूद काफी देर तक भाजपा ने अपनी शिकायत पर कार्यवाही नहीं होने की बात कहते हुए काउंटिंग शुरू नहीं होने दी थी, लेकिन बाद में काउंटिंग शुरू हुई और करीब पौने दो बजे के आसपास अहमद पटेल की जीत का ऐलान हुआ।
कांग्रेस के चाणक्य कहे जाने वाले अहमद पटेल ने जीत दर्ज कर राज्यसभा में अपनी जगह हासिल की है। पटेल को कुल 44 वोट मिले, वहीं भाजपा की ओर से अमित शाह और स्मृति ईरानी ने भी राज्यसभा में अपनी सीट पक्की की है। राज्यसभा के लिए गुजरात की तीन सीटों पर हुए मतदान में अहमद पटेल के 44 वोटों के अलावा स्मृति ईरानी को 46, अमित शाह को 46 और बलवंत सिंह राजपूत को 38 वोट मिले हैं। ऐसे में भाजपा के अमित शाह और स्मृति ईरानी जीत दिलाने में भाजपा कामयाब हुई, लेकिन कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने वाले बलवंत सिंह राजपूत को पास कराने में फेल हो गई।
जीत के बाद अहमद पटेल ने ट्वीट किया और कहा- सत्यमेव जयते। पटेल ने कहा कि यह सिर्फ मेरी जीत नहीं है। यह सत्ता, पैसे और स्टेट मशीनरी के दुरुपयोग की सबसे जबरदस्त हार है। मैं हर एक विधायक को धन्यवाद देना चाहता हूं, जिन्होंने धमकी और भाजपा के दबाव के बावजूद मेरे लिए वोट डाले। उन्होंने एक समावेशी भारत के लिए मतदान किया। भाजपा का व्यक्तिगत प्रतिशोध और राजनैतिक आतंकवाद का पर्दाफाश हो गया है। गुजरात के लोग इस साल के चुनाव में उन्हें सही उत्तर देंगे।
वहीं गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपानी ने कहा कि चुनाव आयोग के फैसले से सहमत नहीं हैं। आने वाले दिनों में हम कानूनी लड़ाई लड़ेंगे और हमें न्याय मिलेगा।' दरअसल, राज्यसभा चुनाव के लिए वोटिंग के समय कांग्रेस के दो बागी विधायकों राघवजी पटेल और भोला पटेल ने बीजेपी नेताओं को अपनी पर्ची (वोट) दिखाई थी। दोनों विधायकों ने बीजेपी के पक्ष में वोट किया था। जिसके खिलाफ कांग्रेस ने चुनाव आयोग से शिकायत की थी। चुनाव आयोग ने अपने पूर्व फैसले को देखते हुए कांग्रेस के दो बागी विधायकों के वोटों को रद्द कर दिया, जिसका फायदा पटेल को मिला है।
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