भाजपा विधायक ने बताई बाड़मेर में पीएम मोदी के भाषण में हुई चूक
जयपुर। राजस्थान में बाड़मेर जिले के पचपदरा में मंगलवार को किए गए रिफाइनरी कार्यशुभारंभ के दौरान आयोजित जनसभा में पीएम मोदी द्वारा दिए भाषण को लेकर भाजपा के ही एक विधायक ने ब्यूरोक्रेसी पर सवाल उठाया है। भाजपा के इस विधायक ने कहा कि जनसभा को संबोधित किए जाने के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भाषण में चूक हुई है, जिसके लिए ब्यूरोक्रेट्स जिम्मेदार है।
बाड़मेर जिले की ही बायतू विधानसभा से भाजपा के विधायक कैलाश चौधरी ने अपनी ही पार्टी की सरकार में ब्यूरोक्रेसी पर सवाल उठाया है, जिसे लेकर वे चर्चाओं में आ गए हैं। बायतू विधायक कैलाश चौधरी ने ब्यूरोक्रेसी पर सवाल खड़े किए जाने के साथ ही ये भी स्वीकार किया है कि पीएम मोदी के भाषण में चूक हुई है। लेकिन चौधरी ने इसके लिए ब्यूरोक्रेट्स जिम्मेदार ठहराया है। क्योंकि उनके अनुसार, यह सब ब्यूरोक्रेट्स द्वारा तय किया जाता है।
दरअसल, बायतू विधायक कैलाश चौधरी ने अपने आॅफिशियल फेसबुक पेज पर एक पोस्ट डाली है, जिसमें उन्होंने पीएम मोदी के संबोधन में ‘खम्मा घणी’ शब्द का इस्तेमाल किए जाने पर कुछ टिप्पणियां सोशल मीडिया के माध्यम से मिलने का हवाला दिया है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी माना कि भाषण में स्थानीय लोक देवताओं का नाम नहीं लिए जाने से कुछ चूक जरूर हुई है, लेकिन इसके लिए उन्होंने ब्यूरोक्रेट्स को जिम्मेदार बताया है।
चौधरी ने अपने पेज पर लिखा है कि, "कल आदरणीय प्रधानमंत्री जी द्वारा रिफाइनरी कार्य का शुभारम्भ किया गया। जो रिफाइनरी पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की राजनीति का शिकार बन मात्र सत्ता प्राप्ति हेतु आनन-फानन में शिलान्यास की भेंट चढी, उस रिफाइनरी पर हुए जनहित में फैसले नए MOU के रूप में जिले सहित देशभर को विकास की सौगात देंगे। कल समारोह में पधारे लाखों समर्थकों को मेरा तहे दिल से साधुवाद। आप लोगों की उपस्थिति ने मेरी ताकत प्रदर्शित की है, मेरा मनोबल बढाया है। मैं भारी मात्रा में उपस्थित जनसैलाब को करबद्ध आभार व्यक्त करता हूं। राजस्थान रिफाइनरी पब्लिक सेक्टर में देश का पहला इंटिग्रेटेड रिफाइनरी व पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स है, जिसमें अनेक सहायक उद्योगों का भी विकास होगा। यकीनन रिफाइनरी से देशभर के युवाओं को रोजगार मिलेगा, साथ ही राज्य की आर्थिक स्थिति को भी प्रगति मिलेगी।"
उन्होंने लिखा कि, "रिफाइनरी निर्माण संबंधित सभी प्रक्रियाएं पूर्ण हो चुकी है, और निर्माण कार्य भी शुरू हो चुका है। अतिशीघ्र रिफाइनरी निर्माण कार्य पूर्ण होगा, और मुझे विश्वास है कि 2022-23 तक रिफाइनरी का लोकार्पण भी हमारे आदरणीय प्रधानमंत्री विकास पुरूष श्री नरेन्द्र मोदी जी करेंगे। आमजन में रिफाइनरी कार्य शुभारम्भ को लेकर बेहद उत्साह है। कल के समारोह में प्रधानमंत्री जी के संबोधन ‘खम्मा घणी’ पर कुछ टिप्पणियां भी सोशल मीडिया के माध्यम से मिली। साथियों! ‘खम्मा घणी’ एक अभिवादन सूचक शब्द है, जो प्राचीन समय में प्रजा द्वारा अपने राजा को अभिवादन के रूप में कहा जाता था। आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने देश के सर्वोच्च पद पर रहते हुए भी ‘खम्मा घणी’ शब्द से संबोधित कर आमजन को स्नेह व आदर के साथ नमन कर अपनी महानता का परिचय दिया है। मैं प्रधानमंत्री जी की इस महानता को नमन करता हूं, कि उन्होंने स्थानीय रीति-नीति का सम्मान करते हुए जनता जनार्दन को राजा माना।"
वहीं उन्होंने अपने पेज पर डाली गई इस पोस्ट में यह भी लिखा कि, "हां, मैं मानता हूं कि थोड़ी चूक जरूर हुई है। स्थानीय लोक देवताओं में परम श्रद्धेय रामदेवजी, खेमाबाबा, वीर तेजाजी, संत खेताराम जी, मां आशापुरा, पाबूजी सहित लोकदेवताओं के नाम नहीं ले पाए। यह सब ब्यूरोक्रेट्स द्वारा तय किया जाता है। स्थानीय धार्मिक स्थलों व लोक देवताओं की जानकारी देने के लिए एक कमिटी होती है, जो प्रधानमंत्री जी के वकतव्य हेतु विभिन्न स्थानीय बिन्दुओं को तय करती है, यह चूक उनके द्वारा हुई है। लेकिन प्रधानमंत्री जी सदैव राष्ट्र के विकास व आमजन के हितों के लिए संकल्पबद्ध है। नि:संदेह राजस्थान व बाड़मेर-जैसलमेर के प्रति उनका प्रेम अप्रतिम है। मुझे पूरा विश्वास है कि उनके नेतृत्व में व आमजन के सहयोग से क्षेत्र के चहुंमुखी विकास की रफ्तार बढेगी एवं हम सभी विकास के सहभागी बनेंगे। —जय हिंद, वंदे मातरम्।"
बहरहाल, ऐसे में अपनी ही पार्टी की सरकार में तैनात ब्यूरोक्रेट्स पर सवाल उठाने और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भाषण में चूक होने की बात स्वीकार किए जाने को लेकर भाजपा विधायक कैलाश चौधरी सुर्खियों में शुमार हो चुके हैं। हालांकि चौधरी ने इस चूक के लिए ब्यूरोक्रेट्स को जिम्मेदार ठहराते हुए विकास की दिशा में पीएम मोदी के कार्यों की भी सराहना की है।
बाड़मेर जिले की ही बायतू विधानसभा से भाजपा के विधायक कैलाश चौधरी ने अपनी ही पार्टी की सरकार में ब्यूरोक्रेसी पर सवाल उठाया है, जिसे लेकर वे चर्चाओं में आ गए हैं। बायतू विधायक कैलाश चौधरी ने ब्यूरोक्रेसी पर सवाल खड़े किए जाने के साथ ही ये भी स्वीकार किया है कि पीएम मोदी के भाषण में चूक हुई है। लेकिन चौधरी ने इसके लिए ब्यूरोक्रेट्स जिम्मेदार ठहराया है। क्योंकि उनके अनुसार, यह सब ब्यूरोक्रेट्स द्वारा तय किया जाता है।
दरअसल, बायतू विधायक कैलाश चौधरी ने अपने आॅफिशियल फेसबुक पेज पर एक पोस्ट डाली है, जिसमें उन्होंने पीएम मोदी के संबोधन में ‘खम्मा घणी’ शब्द का इस्तेमाल किए जाने पर कुछ टिप्पणियां सोशल मीडिया के माध्यम से मिलने का हवाला दिया है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी माना कि भाषण में स्थानीय लोक देवताओं का नाम नहीं लिए जाने से कुछ चूक जरूर हुई है, लेकिन इसके लिए उन्होंने ब्यूरोक्रेट्स को जिम्मेदार बताया है।
चौधरी ने अपने पेज पर लिखा है कि, "कल आदरणीय प्रधानमंत्री जी द्वारा रिफाइनरी कार्य का शुभारम्भ किया गया। जो रिफाइनरी पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की राजनीति का शिकार बन मात्र सत्ता प्राप्ति हेतु आनन-फानन में शिलान्यास की भेंट चढी, उस रिफाइनरी पर हुए जनहित में फैसले नए MOU के रूप में जिले सहित देशभर को विकास की सौगात देंगे। कल समारोह में पधारे लाखों समर्थकों को मेरा तहे दिल से साधुवाद। आप लोगों की उपस्थिति ने मेरी ताकत प्रदर्शित की है, मेरा मनोबल बढाया है। मैं भारी मात्रा में उपस्थित जनसैलाब को करबद्ध आभार व्यक्त करता हूं। राजस्थान रिफाइनरी पब्लिक सेक्टर में देश का पहला इंटिग्रेटेड रिफाइनरी व पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स है, जिसमें अनेक सहायक उद्योगों का भी विकास होगा। यकीनन रिफाइनरी से देशभर के युवाओं को रोजगार मिलेगा, साथ ही राज्य की आर्थिक स्थिति को भी प्रगति मिलेगी।"
उन्होंने लिखा कि, "रिफाइनरी निर्माण संबंधित सभी प्रक्रियाएं पूर्ण हो चुकी है, और निर्माण कार्य भी शुरू हो चुका है। अतिशीघ्र रिफाइनरी निर्माण कार्य पूर्ण होगा, और मुझे विश्वास है कि 2022-23 तक रिफाइनरी का लोकार्पण भी हमारे आदरणीय प्रधानमंत्री विकास पुरूष श्री नरेन्द्र मोदी जी करेंगे। आमजन में रिफाइनरी कार्य शुभारम्भ को लेकर बेहद उत्साह है। कल के समारोह में प्रधानमंत्री जी के संबोधन ‘खम्मा घणी’ पर कुछ टिप्पणियां भी सोशल मीडिया के माध्यम से मिली। साथियों! ‘खम्मा घणी’ एक अभिवादन सूचक शब्द है, जो प्राचीन समय में प्रजा द्वारा अपने राजा को अभिवादन के रूप में कहा जाता था। आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने देश के सर्वोच्च पद पर रहते हुए भी ‘खम्मा घणी’ शब्द से संबोधित कर आमजन को स्नेह व आदर के साथ नमन कर अपनी महानता का परिचय दिया है। मैं प्रधानमंत्री जी की इस महानता को नमन करता हूं, कि उन्होंने स्थानीय रीति-नीति का सम्मान करते हुए जनता जनार्दन को राजा माना।"
वहीं उन्होंने अपने पेज पर डाली गई इस पोस्ट में यह भी लिखा कि, "हां, मैं मानता हूं कि थोड़ी चूक जरूर हुई है। स्थानीय लोक देवताओं में परम श्रद्धेय रामदेवजी, खेमाबाबा, वीर तेजाजी, संत खेताराम जी, मां आशापुरा, पाबूजी सहित लोकदेवताओं के नाम नहीं ले पाए। यह सब ब्यूरोक्रेट्स द्वारा तय किया जाता है। स्थानीय धार्मिक स्थलों व लोक देवताओं की जानकारी देने के लिए एक कमिटी होती है, जो प्रधानमंत्री जी के वकतव्य हेतु विभिन्न स्थानीय बिन्दुओं को तय करती है, यह चूक उनके द्वारा हुई है। लेकिन प्रधानमंत्री जी सदैव राष्ट्र के विकास व आमजन के हितों के लिए संकल्पबद्ध है। नि:संदेह राजस्थान व बाड़मेर-जैसलमेर के प्रति उनका प्रेम अप्रतिम है। मुझे पूरा विश्वास है कि उनके नेतृत्व में व आमजन के सहयोग से क्षेत्र के चहुंमुखी विकास की रफ्तार बढेगी एवं हम सभी विकास के सहभागी बनेंगे। —जय हिंद, वंदे मातरम्।"
बहरहाल, ऐसे में अपनी ही पार्टी की सरकार में तैनात ब्यूरोक्रेट्स पर सवाल उठाने और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भाषण में चूक होने की बात स्वीकार किए जाने को लेकर भाजपा विधायक कैलाश चौधरी सुर्खियों में शुमार हो चुके हैं। हालांकि चौधरी ने इस चूक के लिए ब्यूरोक्रेट्स को जिम्मेदार ठहराते हुए विकास की दिशा में पीएम मोदी के कार्यों की भी सराहना की है।
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