नोएड़ा में पांच दिवसीय ELECRAMA 2018 एग्जीबिशन में सजेगा इलेक्ट्रिक-इलेक्ट्रॉनिक महाकुंभ
जयपुर। आधुनिक तकनीकों के साथ ऊर्जा के उत्पादन और उपभोग के तरीके भी बदल रहे हैं। भारत को भी इसी बदलाव के साथ जुड़ना होगा। भारत सरकार की इस पहल को समर्थन प्रदान करने के लिए ELECRAMA 2018 एक बार फिर से ऊर्जा से जुड़ी मुश्किल समस्याओं के समाधान ला रहा है। आधुनिक उत्पादों एवं तकनीकों की प्रख्यात प्रदर्शनी के अलावा ELECRAMA 2018 एक ऐसा मंच है, जो उद्योग जगत को बिजनेस नेटवर्किंग के साथ जोड़ता है। ELECRAMA के 13वें संस्करण का आयोजन 10 से 14 मार्च 2018 के बीच ग्रेटर नोएडा के इण्डिया एक्सपो मार्ट में किया जाएगा।
IEEMA अध्यक्ष श्रीगोपाल काबरा ने बताया कि IEEMA के 800 से अधिक सदस्य हैं और इनका संयुक्त टर्नओवर 42 बिलियन अमेरिकी डाॅलर से अधिक है। आज हमारे कारोबार का परिवेश तेज़ी से बदल रहा है। हाल ही में देश की कर प्रणाली में बड़े बदलाव किए गए और नोटबंदी जैसे क्रान्तिकारी कदम उठाए गए। जहां भी कर प्रणाली में विसंगतियां थीं, हमारे संगठन ने कर की दरों पर सवाल उठाए और इनके लिए तर्कसंगत निष्कर्ष भी प्रस्तुत किए। आने वाले समय में हमारा संगठन ऐसी चुनौतियों का सामना करता रहेगा।
वहीं IEEMA उपाध्यक्ष हरीश अग्रवाल ने कहा कि जहां तक निवेशकों का सवाल है, भारत हमेशा से दुनिया के मानचित्र पर मौजूद रहा है। इन्फ्रास्ट्रक्चर और इलेक्ट्रिक सेगमेन्ट में ज़बरदस्त बदलाव आ रहे हैं, हम जीवाश्म ईंधन से नव्यकरणी ऊर्जा की ओर, प्राचीन नेटवर्क से स्मार्ट ग्रिड्स की ओर तथा महानगरों से स्मार्ट सिटीज़ की ओर रुख कर रहे हैं। सरकार के इसी भरोसे के चलते इन्फ्रास्ट्रक्चर की ओर झुकाव बढ़ रहा है। हमारा मानना है कि यह एग्जीबिशन इलेक्ट्रिक सेगमेन्ट, इलेक्ट्राॅनिक्स एवं इलेक्ट्रोनिक व्हीकल (ई-वाहन) सेगमेन्ट की तरफ लोगों का आकर्षण बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
चेयरमैन विजय करिया ने बताया कि यह सिर्फ एक एग्जीबिशन नहीं होकर इलेक्ट्रिक उद्योग के भविष्य को प्रस्तुत करने वाला महत्वपूर्ण मंच होगा। इस कार्यक्रम के तीन मुख्य पहलू होंगे-टेकनोलाॅजी, मांग और नीतिगत चर्चा। प्रदर्शनी के दौरान 1100 से अधिक प्रदर्शक अपने उत्पादों और सेवाओं को प्रदर्शित करेंगे। 100 से ज़्यादा देशों से आगंतुक प्रदर्शनी में हिस्सा लेंगे। प्रदर्शनी में 2,50,000 से अधिक आगंतुकों के आने की उम्मीद है।
पांच दिवसीय कार्यक्रम में कई रोचक पैविलियन होंगे। पावर पैविलियन, रेलवे पैविलियन और ई-टेक नेक्स्ट आने वाले कल की टेकनोलाॅजी पर रोशनी डालेंगे। इस बार इलेक्ट्रिक वाहनों, इंटरनेट आॅफ थिंग्स, संग्रहण समाधानों और नव्यकरणी ऊर्जा पर विशेष रूप से ध्यान केन्द्रित किया जाएगा।
IEEMA अध्यक्ष श्रीगोपाल काबरा ने बताया कि IEEMA के 800 से अधिक सदस्य हैं और इनका संयुक्त टर्नओवर 42 बिलियन अमेरिकी डाॅलर से अधिक है। आज हमारे कारोबार का परिवेश तेज़ी से बदल रहा है। हाल ही में देश की कर प्रणाली में बड़े बदलाव किए गए और नोटबंदी जैसे क्रान्तिकारी कदम उठाए गए। जहां भी कर प्रणाली में विसंगतियां थीं, हमारे संगठन ने कर की दरों पर सवाल उठाए और इनके लिए तर्कसंगत निष्कर्ष भी प्रस्तुत किए। आने वाले समय में हमारा संगठन ऐसी चुनौतियों का सामना करता रहेगा।
वहीं IEEMA उपाध्यक्ष हरीश अग्रवाल ने कहा कि जहां तक निवेशकों का सवाल है, भारत हमेशा से दुनिया के मानचित्र पर मौजूद रहा है। इन्फ्रास्ट्रक्चर और इलेक्ट्रिक सेगमेन्ट में ज़बरदस्त बदलाव आ रहे हैं, हम जीवाश्म ईंधन से नव्यकरणी ऊर्जा की ओर, प्राचीन नेटवर्क से स्मार्ट ग्रिड्स की ओर तथा महानगरों से स्मार्ट सिटीज़ की ओर रुख कर रहे हैं। सरकार के इसी भरोसे के चलते इन्फ्रास्ट्रक्चर की ओर झुकाव बढ़ रहा है। हमारा मानना है कि यह एग्जीबिशन इलेक्ट्रिक सेगमेन्ट, इलेक्ट्राॅनिक्स एवं इलेक्ट्रोनिक व्हीकल (ई-वाहन) सेगमेन्ट की तरफ लोगों का आकर्षण बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
चेयरमैन विजय करिया ने बताया कि यह सिर्फ एक एग्जीबिशन नहीं होकर इलेक्ट्रिक उद्योग के भविष्य को प्रस्तुत करने वाला महत्वपूर्ण मंच होगा। इस कार्यक्रम के तीन मुख्य पहलू होंगे-टेकनोलाॅजी, मांग और नीतिगत चर्चा। प्रदर्शनी के दौरान 1100 से अधिक प्रदर्शक अपने उत्पादों और सेवाओं को प्रदर्शित करेंगे। 100 से ज़्यादा देशों से आगंतुक प्रदर्शनी में हिस्सा लेंगे। प्रदर्शनी में 2,50,000 से अधिक आगंतुकों के आने की उम्मीद है।
पांच दिवसीय कार्यक्रम में कई रोचक पैविलियन होंगे। पावर पैविलियन, रेलवे पैविलियन और ई-टेक नेक्स्ट आने वाले कल की टेकनोलाॅजी पर रोशनी डालेंगे। इस बार इलेक्ट्रिक वाहनों, इंटरनेट आॅफ थिंग्स, संग्रहण समाधानों और नव्यकरणी ऊर्जा पर विशेष रूप से ध्यान केन्द्रित किया जाएगा।
No comments