दारा सिंह एनकाउंटर मामले में राजेन्द्र राठौड़ बरी, सुप्रीम कोर्ट ने दी क्लीन चिट
जयपुर। राजस्थान की सियासत में तूफान ला देने वाले बहुचर्चित दारा सिंह उर्फ दारिया एनकाउंटर मामले में राजस्थान के पंचायतीराज मंत्री राजेन्द्र राठौड़ को आज बड़ी राहत मिली है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने राजेन्द्र राठौड़ को क्लीन चिट देते हुए उन्हें बरी कर दिया है। बता दें कि निचली अदालत के फैसले को चुनौती देते हुए खुद राजेन्द्र राठौड़ ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दी थी, जिस पर तथ्य देने के साथ ही कोर्ट ने राजेन्द्र राठौड़ को बरी कर दिया है।
गौरतलब है कि इससे पूर्व 14 मार्च को ही एडीजे-14 कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया था। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश रमेश जोशी ने अपने फैसले में इस मामले के सभी आरोपियों को बरी करने का आदेश जारी कर दिया था। वहीं इससे पहले 23 फरवरी को कोर्ट ने इस मामले पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
आपको बता दें कि यह मामला करीब 12 साल पहले का है, जब एसओजी ने 23 अक्टूबर, 2006 को जयपुर में दारासिंह का एनकाउंटर किया था। इस एनकाउंटर को दारा सिंह की पत्नी सुशीला देवी ने फर्जी बताते हुए सीबीआई जांच की मांग की थी। सुशीला देवी की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मामले को सीबीआई के पास ट्रांसफर कर दिया था।
मामले को सीबीआई में भेजे जाने के बाद सीबीआई जांच में तत्कालीन सार्वजनिक निर्माण मंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता राजेन्द्र राठौड़, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एके जैन और पुलिस अधीक्षक सहित पोन्नूचामी सहित आधा दर्जन पुलिस अधिकारियों को दोषी माना गया। इस पर राजेन्द्र राठौड़ को सरेंडर करने के निर्देश दिए थे, जिस पर उन्होंने सुप्रीम कोर्ट अपील की थी। इस मामले में पुलिस अधिकारी तो अभी भी जेल में बंद है, लेकिन राठौड़ पिछले दिनों ही सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर जमानत पर बहार आए थे।
क्या है पूरा मामला :
मामला करीब 12 साल पहले का है, जब मानसरोवर के कमला नेहरू नगर में दारा सिंह का एनकाउंटर हुआ था। इस मामले में मंत्री राजेन्द्र राठौड़, तत्कालीन एडीजी एके जैन सहित 17 लोगों का नाम आया था। साल 2012 में अप्रेल के माह में सीबीआई ने राजेन्द्र राठौड़ को गिरफ्तार किया था, लेकिन करीब दो महीने जेल में रहने के बाद अदालत ने उन्हें आरोप मुक्त कर दिया था। फरवरी 2015 में एडीजी एके जैन को भी हाईकोर्ट ने आरोप मुक्त कर दिया, वहीं फरारी के दौरान आरोपी विजय चौधरी की मौत हो गई थी। सीबीआई ने इस मामले में जांच के बाद 17 आरोपितो के खिलाफ अदालत में चार्जशीट पेश की थी। करीब 12 साल पुराने इस मामले में गत 14 मार्च को ही एडीजे-14 कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया था और सभी आरोपियों को बरी कर दिया था। वहीं अब सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले में मंत्री राजेन्द्र राठौड़ की क्लीन चिट देते हुए उन्हें बरी कर दिया है।
गौरतलब है कि इससे पूर्व 14 मार्च को ही एडीजे-14 कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया था। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश रमेश जोशी ने अपने फैसले में इस मामले के सभी आरोपियों को बरी करने का आदेश जारी कर दिया था। वहीं इससे पहले 23 फरवरी को कोर्ट ने इस मामले पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
आपको बता दें कि यह मामला करीब 12 साल पहले का है, जब एसओजी ने 23 अक्टूबर, 2006 को जयपुर में दारासिंह का एनकाउंटर किया था। इस एनकाउंटर को दारा सिंह की पत्नी सुशीला देवी ने फर्जी बताते हुए सीबीआई जांच की मांग की थी। सुशीला देवी की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मामले को सीबीआई के पास ट्रांसफर कर दिया था।
मामले को सीबीआई में भेजे जाने के बाद सीबीआई जांच में तत्कालीन सार्वजनिक निर्माण मंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता राजेन्द्र राठौड़, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एके जैन और पुलिस अधीक्षक सहित पोन्नूचामी सहित आधा दर्जन पुलिस अधिकारियों को दोषी माना गया। इस पर राजेन्द्र राठौड़ को सरेंडर करने के निर्देश दिए थे, जिस पर उन्होंने सुप्रीम कोर्ट अपील की थी। इस मामले में पुलिस अधिकारी तो अभी भी जेल में बंद है, लेकिन राठौड़ पिछले दिनों ही सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर जमानत पर बहार आए थे।
क्या है पूरा मामला :
मामला करीब 12 साल पहले का है, जब मानसरोवर के कमला नेहरू नगर में दारा सिंह का एनकाउंटर हुआ था। इस मामले में मंत्री राजेन्द्र राठौड़, तत्कालीन एडीजी एके जैन सहित 17 लोगों का नाम आया था। साल 2012 में अप्रेल के माह में सीबीआई ने राजेन्द्र राठौड़ को गिरफ्तार किया था, लेकिन करीब दो महीने जेल में रहने के बाद अदालत ने उन्हें आरोप मुक्त कर दिया था। फरवरी 2015 में एडीजी एके जैन को भी हाईकोर्ट ने आरोप मुक्त कर दिया, वहीं फरारी के दौरान आरोपी विजय चौधरी की मौत हो गई थी। सीबीआई ने इस मामले में जांच के बाद 17 आरोपितो के खिलाफ अदालत में चार्जशीट पेश की थी। करीब 12 साल पुराने इस मामले में गत 14 मार्च को ही एडीजे-14 कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया था और सभी आरोपियों को बरी कर दिया था। वहीं अब सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले में मंत्री राजेन्द्र राठौड़ की क्लीन चिट देते हुए उन्हें बरी कर दिया है।
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