Breaking News

मुख्यमंत्री हमारी बेटी योजना : टॉपर बेटियां बनेंगी आईएएस, इंजीनियर व डॉक्टर

अजमेर। गरीब परिवारों की प्रतिभाशाली बेटियां, बड़े सपने, आर्थिक तंगी का रोड़ा लेकिन अब सब बदल चुका है। अजमेर जिले की नौ टॉपर बेटियां अब सपने पूरे करने के लिए तैयार हैं। इसमें सहायक बनी है मुख्यमंत्री हमारी बेटी योजना। योजना से मिली लाखों रूपए की आर्थिक सहायता से इन बच्चियों को प्रदेश के प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थानों में दाखिला मिला है। बेटियां अब आईएएस, इंजीनियर और डाक्टर बनने की दिशा में कदम बढ़ा रही हैं।

जिला कलेक्टर आरती डोगरा ने आज मुख्यमंत्री हमारी बेटी योजना के तहत चयनित जिले की टॉपर बेटियों से मुलाकात की। आत्मविश्वास से भरी इन बेटियों ने कहा कि साधारण परिवार और सीमित आय होने से हमेशा यह चिंता बनी रहती थी कि हमारा भविष्य क्या होगा। प्रतिभाशाली होने के बावजूद कोचिंग संस्थानों की भारी फीस दे पाएंगे या नहीं। लेकिन मुख्यमंत्री हमारी बेटी योजना के तहत मिली आर्थिक सहायता ने हमारी सबसे बड़ी चिंता दूर कर दी है। अब हम निश्चिंत होकर अपने सपनों को पूरा करने में जुट गई हैं।

जिला कलक्टर आरती डोगरा से आज प्रियंका जाधव, चेतना वर्मा, अर्चना खारोल, हर्षिता भटनागर, निधि शर्मा, तमन्ना कतीरिया, आरती मीणा एवं पिंकी साहू ने मुुलाकात की। इन सभी बालिकाओं ने अपने संस्मरण सुनाते हुए कहा कि इन्होंने कभी अभावों को अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया। किसी के पिता ऑटो रिक्शा चलाते हैं तो किसी के पिता साधारण नौकरी पेशा हैं। इन सभी ने अपनी दादी और मां से मिले समर्थन को भी सफलता का कारण बताया।

कलेक्टर ने दिए टिप्स

जिला कलक्टर आरती डोगरा ने बालिकाओं से उनके अंकों के बारे में पूछा तो सभी ने 90 प्रतिशत से अधिक अंक बताए। जिला कलेक्टर ने तारीफ करते हुए कहा कि बाकी के अंक क्यों छोड़ दिए। आप इतनी प्रतिभावान हो, अपने सपनों को पूरा करने के लिए जुट जाओ। परिस्थितियों से घबराए बिना लक्ष्य प्राप्ति के लिए प्रयासरत रहो। आप अचीवर हो, आप तय करों की क्या बनना है और बस जुट जाओ। कैरियर के लिए सम्पूर्ण प्रयास करो, सफलता आपके साथ होगी।

 उन्होंने छात्राओें से कहा कि आप आईएएस बनों, इंजीनियर या डॉक्टर। जिस भी क्षेत्र में जाना चाहते हो उसकी पूरी जानकारी आपको होनी चाहिए। परीक्षा के लिए हिन्दी या अंग्रेजी माध्यम में कोई अन्तर नही है । हिन्दी माध्यम के विद्यार्थियों ने बड़ी संख्या में सफलता अर्जित की है। उन्होंने बालिकाओं को परीक्षा तैयारी के टिप्स देते हुए कहा कि परीक्षाओं में सफलता के लिए आत्मविश्वास, कड़ी मेहनत और निरन्तरता बेहद जरूरी है।

 अब प्राइवेट नहीं, सरकारी स्कूलों का समय

जिला कलेक्टर से बातचीत में बालिकाओं ने कहा कि जब हम सरकारी स्कूलों में पढ़ते तो प्राइवेट स्कूलों के विद्यार्थी हमें हीनभावना से देखते थे। अब तस्वीर बदल गई है। अब हमारी सफलता और सरकारी स्कूलों की सुविधाएं देख कर आसपास के अभिभावक भी अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ाना चाहते हैं। राज्य सरकार की लैपटॉप योजना, साइकिल और ट्रांसपोर्ट वाउचर सहित विभिन्न योजनाआें का लाभ सिर्फ सरकारी स्कूलें के विद्याार्थियों को ही मिलता है। ऎसे में बड़ी संख्या में विद्यार्थी अब सरकारी स्कूलों में पढ़ना चाहते हैं।

मिली 1048 लाख की सहायता

टॉपर बेटियों को अपनी पढ़ाई के लिए 10.48 लाख रूपए की सहायता की जा चुकी है। इनमें रूपाली गुर्जर को  95,397, प्रियंका जाधव को 1,99,766,  चेतना वर्मा को 1,57,397, अर्चना खारोल को 1,00,000,  हर्षिता  भटनागर को 99,710, निधि शर्मा को 98,000, तमन्ना कतीरिया को 97,940, आरती मीणा को 1,00,000 तथा पिंकी साहू 1,00,000 रूपए की सहायता प्रदान की गई है। इनकी पढ़ाई का खर्च भी राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।


No comments