जयपुर में भी स्थापित हुई कंप्लीट स्वचालित डेयरी प्रोसेसिंग यूनिट
जयपुर। बेहतरीन गुणवत्ता वाले दूध और इससे जुडे उत्पाद उपलब्ध कराने के लिए स्विट्जरलैंड स्थित वैज्ञानिक डॉ. राजेंद्र कुमार जोशी और उनकी पत्नी उर्सुला जोशी के आरयूजे समूह ने जयपुर स्थित महिंद्रा वर्ल्ड सिटी में डेयरी प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित की है। यह इकाई अंतरराष्ट्रीय मानकों से मेल खाने वाले उच्च गुणवत्ता के उत्पाद उपलब्ध कराती है और इस तरह वैश्विक मूल्य श्रृंखला में शामिल होने के लिए पूरी तरह तैयार नजर आती है।
रुफिल ने दूध संग्रह के लिए एक मजबूत प्रणाली के साथ अत्याधुनिक प्रोसेसिंग प्लांट विकसित किया है। साथ ही, 100 प्रतिशत बल्क मिल्क कूलर (बीएमसी) मॉडल के माध्यम से ताजा दूध खरीदने, हर दिन उत्पादन के दौरान और भेजने से पहले सुरक्षित और लगातार उत्पाद सुनिश्चित करने के लिए दूध संग्रह के स्रोत पर ही अनेक गुणवत्ता जांच के साथ शुद्धता परीक्षण करने और फैक्ट्री में पूरी तरह से स्वचालित प्रसंस्करण को लागू करते हुए दूध को संभालने में जीरो-हैंड-टच तकनीक सुनिश्चित करके स्वच्छ दूध सुनिश्चित करने का पूरा प्रयास किया है।
आरयूजे समूह के संस्थापक और भारत में आधुनिक कौशल विकास के जनक डॉ. राजेंद्र कुमार जोशी ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक है और इसके बाद संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन, पाकिस्तान, ब्राजील आदि देशों का नाम आता है। यह दुनियाभर में कुल दूध उत्पादन में लगभग 20 प्रतिशत का योगदान देता है।
जोशी ने कहा कि हालांकि भारत दूध बाजार में एक प्रमुख उत्पादक देश है, लेकिन स्विट्जरलैंड के विपरीत यहां दूध की प्रोसेसिंग में गुणवत्ता की कमी है, जबकि स्विट्जरलैंड में तकनीक इतनी परिष्कृत है कि वे डेयरी उत्पादों को संसाधित करने में जीरो-हैंड-टच तकनीक सुनिश्चित करते हैं और इस तरह मिलावट की आशंका को पूरी तरह समाप्त कर देते हैं। अब रुफिल के आने के बाद हम सुनिश्चित करेंगे कि हमारे डेयरी उत्पादों की गुणवत्ता स्विस मानकों के अनुरूप ही हो।
गौरतलब है कि रुफिल दिसंबर 2014 में अस्तित्व में आया था और 28 सितंबर 2017 को इसने कामकाज शुरू कर दिया था। रुफिल 7 बीएमसी संग्रह केंद्रों में फैले अपने 200 किसानों के साथ मिलकर काम करता है। रुफिल ने मवेशियों के लिए फीड पोषण के बारे में विशेषज्ञों की सेवाएं जुटाईं, बेहतर कृषि प्रबंधन के तौर-तरीकों पर सत्रों का आयोजन किया और प्रत्येक उपभोक्ता के लाभ के लिए स्वच्छ और गुणवत्तापूर्ण दूध उत्पादन के महत्व के बारे में पशुपालकों को जागरूक किया।
रुफिल ने दूध संग्रह के लिए एक मजबूत प्रणाली के साथ अत्याधुनिक प्रोसेसिंग प्लांट विकसित किया है। साथ ही, 100 प्रतिशत बल्क मिल्क कूलर (बीएमसी) मॉडल के माध्यम से ताजा दूध खरीदने, हर दिन उत्पादन के दौरान और भेजने से पहले सुरक्षित और लगातार उत्पाद सुनिश्चित करने के लिए दूध संग्रह के स्रोत पर ही अनेक गुणवत्ता जांच के साथ शुद्धता परीक्षण करने और फैक्ट्री में पूरी तरह से स्वचालित प्रसंस्करण को लागू करते हुए दूध को संभालने में जीरो-हैंड-टच तकनीक सुनिश्चित करके स्वच्छ दूध सुनिश्चित करने का पूरा प्रयास किया है।
आरयूजे समूह के संस्थापक और भारत में आधुनिक कौशल विकास के जनक डॉ. राजेंद्र कुमार जोशी ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक है और इसके बाद संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन, पाकिस्तान, ब्राजील आदि देशों का नाम आता है। यह दुनियाभर में कुल दूध उत्पादन में लगभग 20 प्रतिशत का योगदान देता है।
जोशी ने कहा कि हालांकि भारत दूध बाजार में एक प्रमुख उत्पादक देश है, लेकिन स्विट्जरलैंड के विपरीत यहां दूध की प्रोसेसिंग में गुणवत्ता की कमी है, जबकि स्विट्जरलैंड में तकनीक इतनी परिष्कृत है कि वे डेयरी उत्पादों को संसाधित करने में जीरो-हैंड-टच तकनीक सुनिश्चित करते हैं और इस तरह मिलावट की आशंका को पूरी तरह समाप्त कर देते हैं। अब रुफिल के आने के बाद हम सुनिश्चित करेंगे कि हमारे डेयरी उत्पादों की गुणवत्ता स्विस मानकों के अनुरूप ही हो।
गौरतलब है कि रुफिल दिसंबर 2014 में अस्तित्व में आया था और 28 सितंबर 2017 को इसने कामकाज शुरू कर दिया था। रुफिल 7 बीएमसी संग्रह केंद्रों में फैले अपने 200 किसानों के साथ मिलकर काम करता है। रुफिल ने मवेशियों के लिए फीड पोषण के बारे में विशेषज्ञों की सेवाएं जुटाईं, बेहतर कृषि प्रबंधन के तौर-तरीकों पर सत्रों का आयोजन किया और प्रत्येक उपभोक्ता के लाभ के लिए स्वच्छ और गुणवत्तापूर्ण दूध उत्पादन के महत्व के बारे में पशुपालकों को जागरूक किया।
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