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शिक्षा में सामाजिक सहभागिता के लिए करें दान : देवनानी

अजमेर। शिक्षा एवं पंचायतीराज राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि भारतीय समाज  प्राचीनकाल से ही शिक्षा के उत्थान के लिए सहयोग करने वाली संस्कृति को पोषित करता है। देश की इसी शिक्षा पद्धति को आगे बढ़ाते हुए राज्य सरकार ज्ञान संकल्प पोर्टल एवं मुख्यमंत्री विद्यादान कोष का शुभारंभ करने जा रही है। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे आगामी 5 अगस्त को योजना का शुभारंभ करेंगी। इसके तहत दानदाता एवं भामाशाह राजकीय विद्यालयों को वित्तीय सम्बल प्रदान करने तथा आधारभूत संरचना के सुदढीकरण के उदेश्य से आर्थिक सहयोग कर सकेंगे।

शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी ने आज कलेक्ट्रेट में आयोजित पत्रकार वार्ता में योजना की जानकारी दी। उन्होंने जिला कलेक्टर गौरव गोयल के साथ हस्ताक्षर अभियान एवं विद्यालयों में रखी जाने वाली दान पेटिका का शुभारंभ किया। देवनानी एवं गोयल ने अक्षय दान पेटिका में 11-11 हजार रूपए का दान देकर योजना की शुरूआत की। देवनानी ने कहा कि इस पोर्टल एवं कोष का मुख्य उदेश्य राजकीय विद्यालयों की मूलभूत आवश्यकताओं एवं प्राथमिकताओं के अनुसार सीएसआर, भामाशाहों, संस्थाओं व क्राउड फंडिंग के माध्यम से आवश्यक धनराशि का संग्रहण व प्रबंधन करना एवं विद्यालयों के विकास हेतु विभिन्न प्रोजेक्ट्स हेतु दानदाताओं का सहयोग प्राप्त करना एवं विद्यालयों से जुडाव पैदा करना है।

उन्होंने कहा कि स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा बनाया जा रहा यह पोर्टल मूलभूत आवश्यकताओं के लिए फंडिंग गेप को कम करने मे मददगाार साबित होगा। इस पोर्टल का उद्घाटन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे 5 अगस्त 2017 को जयपुर में होने वाले फेस्टिवल आॅफ एज्युकेशन में करेंगी। ज्ञान संकल्प पोर्टल एवं मुख्यमंत्री विद्या दान कोष के माध्यम से विद्यालयों के विकास हेतु राशि से परियोजनाओं का क्रियान्वयन निम्नानुसार किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि  दानदाता या सीएसआर कम्पनी स्वयं अपनी परियोजना व गतिविधि क्रियान्वित कर सकती हैं। दानदाता या सीएसआर कम्पनी स्वयं द्वारा चिन्हित सेवा प्रदाता के माध्यम से परियोजना या गतिविधि का क्रियान्वयन  कर सकती हैं। दानदाता या सीएसआर कम्पनी परियोजना/गतिविधि हेतु आवश्यक धनराशि उपलब्ध करवाकर राजस्थान माध्यमिक शिक्षा परिषद के माध्यम से परियोजना क्रियान्विति कर सकती हैं।

देवनानी ने कहा कि इस पोर्टल के माध्यम मे भामाशाह व ओद्योगिक घराने प्रदेश के विद्यालयों को सहयोग देने के उदेश्य से गोद ले सकते हैं। दानदाताओं द्वारा राजस्थान माध्यमिक शिक्षा परिषद् मे स्थापित मुख्यमंत्री विद्यादान कोष मे योगदान दिया जा सकता है। जिसका उपयोग राजस्थान माध्यमिक शिक्षा परिषद के द्वारा राज्य सरकार की आवश्यकताओ और प्राथमिकताओं द्वारा विद्यालयों की आवश्यकताओ एवं विकास हेतु अनुसार किया जायेगा। मुख्यमंत्री विद्यादान कोष मे दी गई योगदान राशि को आयकर अधिनियम की धारा 80-जी के अन्तर्गत आयकर छूट प्रदान करने तथा विदेशी स्त्रोतो से योगदान प्राप्त करने के लिए एफसीआरए. (फोरेन कन्ट्रिब्यूशन रेग्यूलेशन एक्ट) के तहत पंजीकरण की आवश्यक कार्यवाही की जा रही है।

उन्होंने बताया कि ज्ञान संकल्प पोर्टल तथा मुख्यमंत्री विद्यादान कोष के संबंध में जागरूकता हेतु विभिन्न गतिविधियां की जा रही है। प्रदेश के सभी जिलों मे तीन दिवसीय हस्ताक्षर अभियान 26 से 28 जुलाई तक आयोजित किया जाएगा। इस हस्ताक्षर अभियान के माध्यम से अधिकाधिक राशि एकत्रित करने के प्रयास किए जाएंगे। आगामी 5 अगस्त को जयपुर में आयोजित फेस्टिवल आॅफ एज्यूकेशन के दौरान विद्यादान कोष में यह राशि जमा की जायेगी।

जिला कलेक्टर गौरव गोयल ने कहा कि राजस्थान का सामाजिक ताना बाना इस तरह का है कि हम समाज से जो लेते हैं, वह अपनी क्षमता के अनुसार उसे लौटाते भी है। राजस्थान में शिक्षा, स्वास्थ्य, धर्मशाला और ऐसे ही अन्य कई सेवा क्षेत्र है जहां लोगों ने दिल खोलकर दान दिया है। हमारे मानवीय मूल्य भी हमे सिखाते हैं कि हम शिक्षा के उत्थान के लिए अपना सर्वेश्रेष्ठ सहयोग करें। उन्होंने कहा कि दान का भाव राशि से बड़ा होता है। यह अभियान निश्चित रूप से राजस्थान में शिक्षा की तस्वीर बदलने वाला साबित होगा।

इस अवसर पर अतिरिक्त जिला कलेक्टर अबु सूफियान चौहान सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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