Exclusive Interview : अपनी कहानी और अन्जाम के बारे में पहले से ही जानता था आनंदपाल सिंह
जयपुर। पिछले महीने 24 जून की आधी रात में चूरू के मालासर में पुलिस एनकाउंटर में मारा गया गैंगस्टर आनंदपाल सिंह अपनी कहानी और अपने अन्जाम के बारे में शायद पहले से ही भलीभांती वाकिफ था। शायद इसीलिए अपने पिता की मौत होने पर अपने घर आए आनंदपाल ने मीडिया से बातचीत करते हुए इस बारे में बहुत कुछ कह डाला था। आनंदपाल ने कुछ राजनेताओं का जिक्र करते हुए कहा था कि कुछ लोग अपने फायदे के लिए ऐसा कर रहे हैं। वहीं आनंदपाल ने अपने आगे की जिंदगी के गारे में कहा था कि वह अच्छे रास्ते पर चलना चाहता है।
दरअसल, अपने पिता की मौत होने पर अपने घर आए आनंदपाल ने मीडिया से बातचीत में कहा था कि वह अब अच्छे रास्ते पर चलकर सुधरना चाहता है और मैनस्ट्रीम में आकर बेहतर इंसान बनना चाहता है। आनंदपाल ने अपने कहानी के बारे में कहा था कि ये सब राजनीति साजिश की वजह से शुरूआत हुई थी और इसी पर खत्म होगी। आनंदपाल ने अपने एक बयान में भी कहा था कि चंद लोग ऐसे में हैं, जो राजनीतिक फायदा उठाने के लिए मुझे मरवाकर अपनी राजनीतिक जमीन को मजबूत करना चाहते हैं।
गौरतलब है कि आनंदपाल मूल रूप से नागौर में लाडनूं तहसील के गांव सांवराद का रहने वाला था। साल 2006 से अपराध की दुनिया में शामिल हुआ आनंदपाल राजस्थान पुलिस के लिए परेशानी का सबब बन गया था। दरअसल, साल 2015 में पेशी के दौरान पुलिसकर्मियों को चकमा देकर वह पुलिस के शिकंजे से भागने में कामयाब हो गया। फरार होने के बाद से ही आनंदपाल को पकड़ना राजस्थान पुलिस के लिए एक बहुत बड़ी चुनौती बना हुआ था। आनंदपाल पर लूट, डकैती, गैंगवार, हत्या जैसे कई मामले दर्ज थे। आनंदपाल एके 47, ऑटोमैटिक मशीन गन, बम और बुलेट प्रूफ जैकेट इस्तेमाल करता था।
आनंदपाल के फरार होने के बाद से उसकी तलाश लगातार जगह-जगह की जाने लगी। इस दौरान राजस्थान पुलिस ने हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली की पुलिस से भी संपर्क किया है। इन राज्यों में उसकी तलाश की गई। आनदंपाल को पकड़ने के लिए पुलिस-एसओजी ने कई स्पेशल टीमों का गठन किया, जिसमें 30 से भी ज्यादा आईपीएस और आरपीएस स्तर के अफसरों ने काम किया। इसके बाद 24 जून 2017 की रात में पुलिस ने चूरू के मालासरी में आनंदपाल का एनकाउंटर कर उसे मार गिराया था।
दरअसल, अपने पिता की मौत होने पर अपने घर आए आनंदपाल ने मीडिया से बातचीत में कहा था कि वह अब अच्छे रास्ते पर चलकर सुधरना चाहता है और मैनस्ट्रीम में आकर बेहतर इंसान बनना चाहता है। आनंदपाल ने अपने कहानी के बारे में कहा था कि ये सब राजनीति साजिश की वजह से शुरूआत हुई थी और इसी पर खत्म होगी। आनंदपाल ने अपने एक बयान में भी कहा था कि चंद लोग ऐसे में हैं, जो राजनीतिक फायदा उठाने के लिए मुझे मरवाकर अपनी राजनीतिक जमीन को मजबूत करना चाहते हैं।
गौरतलब है कि आनंदपाल मूल रूप से नागौर में लाडनूं तहसील के गांव सांवराद का रहने वाला था। साल 2006 से अपराध की दुनिया में शामिल हुआ आनंदपाल राजस्थान पुलिस के लिए परेशानी का सबब बन गया था। दरअसल, साल 2015 में पेशी के दौरान पुलिसकर्मियों को चकमा देकर वह पुलिस के शिकंजे से भागने में कामयाब हो गया। फरार होने के बाद से ही आनंदपाल को पकड़ना राजस्थान पुलिस के लिए एक बहुत बड़ी चुनौती बना हुआ था। आनंदपाल पर लूट, डकैती, गैंगवार, हत्या जैसे कई मामले दर्ज थे। आनंदपाल एके 47, ऑटोमैटिक मशीन गन, बम और बुलेट प्रूफ जैकेट इस्तेमाल करता था।
आनंदपाल के फरार होने के बाद से उसकी तलाश लगातार जगह-जगह की जाने लगी। इस दौरान राजस्थान पुलिस ने हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली की पुलिस से भी संपर्क किया है। इन राज्यों में उसकी तलाश की गई। आनदंपाल को पकड़ने के लिए पुलिस-एसओजी ने कई स्पेशल टीमों का गठन किया, जिसमें 30 से भी ज्यादा आईपीएस और आरपीएस स्तर के अफसरों ने काम किया। इसके बाद 24 जून 2017 की रात में पुलिस ने चूरू के मालासरी में आनंदपाल का एनकाउंटर कर उसे मार गिराया था।
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