आनंदपाल श्रद्धांजलि सभा में लालचंद शर्मा की मौत की जांच के लिए ब्राह्मण महासभा ने भरी हुंकार
जयपुर। पिछले महीने 24 जून की रात चूरू के मालासर में पुलिस एनकाउंटर में मारे गए गैंगस्टर आनंदपाल का मामला अभी थमता हुआ नहीं दिख रहा है। इस मामले में जहां आनंदपाल के परिजनों और राजपूत समाज के कई संगठन सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं, वहीं अब सर्व ब्राह्मण महासभा ने भी अपनी आवाज बुलंद कर दी है। आनंदपाल के गांव सांवराद में 12 जुलाई को आयोजित श्रद्धांजलि सभा में हुई फायरिंग के दौरान मारे गए लालचंद शर्मा नाम के आदमी की मौत के मामले में सर्व ब्राह्मण महासभा ने जांच की मांग की है।
राजधानी जयपुर में आयोजित प्रेसवार्ता में सर्व ब्राह्मण महासभा के प्रदेशाध्यक्ष सुरेश मिश्रा ने कहा कि आनंदपाल एनकाउंटर के बाद पूरे प्रदेश की सामाजिक समरसता खतरे में पड़ गई है। राज्य सरकार ने इस पूरे प्रकरण को गंभीरता से नहीं लिया, जिसके चलते 12 जुलाई को सांवराद में आयोजित श्रद्धांजलि सभा के दौरान फायरिंग की घटना हुई। इस घटना में ब्राह्मण समाज के एक व्यक्ति की मौत हो गई और उसकी मौत होने के 4 दिन बाद भी न तो सरकार की ओर से और न ही गृह मंत्री की ओर से कोई बयान आया है।
मिश्रा ने कहा कि आनंदपाल अपराधी हो सकता है, लेकिन गरीब ब्राह्मण जो प्राप्त जानकारी के अनुसार हरियाणा के रोहतक का रहने वाला था, जिसका इस हुडदंग से कोई संबंध नहीं था। उसकी मौत होने के बाद भी सरकार का किसी भी प्रकार का अफसोस या इस प्रकरण की जांच का कोई मानस नहीं दिखाई दे रहा है, जोकि सरकार की संवेदनहीनता को दर्शाता है। मिश्रा ने कहा कि इस पूरे प्रकरण को लेकर प्रदेश के ब्राह्मण समाज में आक्रोश है कि सरकार को वही भाषा समझ आती है, जिसमें कानून की व्यवस्था को हाथ में लिया जाए, चाहे शांतिपूर्ण समाज का व्यक्ति मर भी जाए तो भी सरकार को किसी प्रकार की परवाह नहीं है।
उन्होंने कहा कि इस पूरे प्रकरण की न्यायिक जांच भी करवाई जानी चाहिए कि किन परिस्थितियों में लालचंद शर्मा को गोली लगी और मानवाधिकार आयोग से भी हमारा आग्रह है कि जिस प्रकार से आनंदपाल के मामले में मानवाधिकार आयोग ने 24 घंटे का सरकार को अल्टीमेटम दिया था, उसी प्रकार से लालचंद शर्मा के मामले में भी कार्रवाई की जाए। मानवता के नाते लालचंद शर्मा की अंत्येष्टि के लिए सरकार को पाबंद करें कि वह जल्द से जल्द लालचंद शर्मा के परिजनों को ढूंढकर दाह संस्कार की व्यवस्था कराए।
राजधानी जयपुर में आयोजित प्रेसवार्ता में सर्व ब्राह्मण महासभा के प्रदेशाध्यक्ष सुरेश मिश्रा ने कहा कि आनंदपाल एनकाउंटर के बाद पूरे प्रदेश की सामाजिक समरसता खतरे में पड़ गई है। राज्य सरकार ने इस पूरे प्रकरण को गंभीरता से नहीं लिया, जिसके चलते 12 जुलाई को सांवराद में आयोजित श्रद्धांजलि सभा के दौरान फायरिंग की घटना हुई। इस घटना में ब्राह्मण समाज के एक व्यक्ति की मौत हो गई और उसकी मौत होने के 4 दिन बाद भी न तो सरकार की ओर से और न ही गृह मंत्री की ओर से कोई बयान आया है।
मिश्रा ने कहा कि आनंदपाल अपराधी हो सकता है, लेकिन गरीब ब्राह्मण जो प्राप्त जानकारी के अनुसार हरियाणा के रोहतक का रहने वाला था, जिसका इस हुडदंग से कोई संबंध नहीं था। उसकी मौत होने के बाद भी सरकार का किसी भी प्रकार का अफसोस या इस प्रकरण की जांच का कोई मानस नहीं दिखाई दे रहा है, जोकि सरकार की संवेदनहीनता को दर्शाता है। मिश्रा ने कहा कि इस पूरे प्रकरण को लेकर प्रदेश के ब्राह्मण समाज में आक्रोश है कि सरकार को वही भाषा समझ आती है, जिसमें कानून की व्यवस्था को हाथ में लिया जाए, चाहे शांतिपूर्ण समाज का व्यक्ति मर भी जाए तो भी सरकार को किसी प्रकार की परवाह नहीं है।
उन्होंने कहा कि इस पूरे प्रकरण की न्यायिक जांच भी करवाई जानी चाहिए कि किन परिस्थितियों में लालचंद शर्मा को गोली लगी और मानवाधिकार आयोग से भी हमारा आग्रह है कि जिस प्रकार से आनंदपाल के मामले में मानवाधिकार आयोग ने 24 घंटे का सरकार को अल्टीमेटम दिया था, उसी प्रकार से लालचंद शर्मा के मामले में भी कार्रवाई की जाए। मानवता के नाते लालचंद शर्मा की अंत्येष्टि के लिए सरकार को पाबंद करें कि वह जल्द से जल्द लालचंद शर्मा के परिजनों को ढूंढकर दाह संस्कार की व्यवस्था कराए।
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