सजा सुनते ही कोर्ट की फर्श पर बैठ टैंसूए बहाने लगा बलात्कारी बाबा गुरमीत राम रहीम
चंडीगढ़। 15 साल पुराने रेप के मामले में आज आखिरकार सच और सीबीआई की जीत उस वक्त हुई है, जब डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को 10 साल की सजा सुनाई गई। वहीं सजा सुनाए जाने के बाद राम रहीम कुर्सी को पकड़कर कोर्ट की फर्श पर बैठ गया और अपने किए पर आंसू बहाता रहा। लेकिन कोर्ट पर इन घड़ियाली आंसूओं का कोई असर नहीं हुआ और आखिर में कोर्ट के कर्मचारियों को उसे लगभग घसीटते हुए कोर्ट के बाहर ले जाना पड़ा।
रोहतक की सुनारिया जेल में बनाई गई अस्थाई कोर्ट में सजा सुनाए जाने से पहले राम रहीम ने कोर्ट के सामने माफी की मांग की। इस दौरान राम रहीम रो पड़े और कोर्ट से रहम की गुहार लगाई। जबकि सीबीआई ने किसी भी तरह की राहत दिए जाने का विरोध करते हुए कहा कि राम रहीम को आजीवन कारावास की सजा दी जाए। गौरतलब है कि रोहतक की सुनारिया जेल में बनाए गए कोर्ट रूम में केवल दोनों पक्षों के वकीलों को ही जाने की इजाजत थी। जज द्वारा फैसला पढ़े जाने के बाद दोनों पक्षों के वकीलों ने बाहर आकर इसकी जानकारी दी।
रोहतक की सुनारिया जेल में बनाई गई अस्थाई कोर्ट में डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को सजा सुनाए जाने से पूर्व एक ओर जहां राम रहीम लगातार माफी की मांग करता रहा, वहीं दूसरी ओर सीबीआई की ओर से राम रहीम को कड़ी से कड़ी सजा की मांग की गई। राम रहीम लगातार माफी और रियायत के लिए गिड़गिड़ाता रहा और आंसू बहाता रहा, लेकिन कोर्ट पर इसके आंसूओं का कोई असर नहीं हुआ। आखिरकार कोर्ट ने राम रहीम को 10 साल की सजा का ऐलान किया।
सजा पर फैसला सुनाए जाने से पूर्व सीबीआई ने अपनी दलील में कहा कि गुरमीत ने जिन दो लड़कियों के साथ रेप किया है, उसमें से एक नाबालिग थी। ऐसे में उस पर पॉक्सो की धारा भी लगनी चाहिए। वहीं फैसला सुनाए जाने के बाद राम रहीम जमीन पर ही बैठ गया और अपने किए पर आंसू बहाने लगा। राम रहीम कोर्ट में बैठकर रोते-रोते कहने लगातार कह रहा था कि मैं कहीं नहीं जाऊंगा। इस दौरान उसकी हालत ऐसी हो गई कि आखिर में कोर्ट के कर्मचारियों को उसे लगभग घसीटते हुए कोर्ट के बाहर ले जाना पड़ा। वहीं सजा के बाद राम रहीम का मेडिकल किया गया, जिसमें उसकी हाई बीपी की शिकायत फर्जी मिली।
रोहतक की सुनारिया जेल में बनाई गई अस्थाई कोर्ट में सजा सुनाए जाने से पहले राम रहीम ने कोर्ट के सामने माफी की मांग की। इस दौरान राम रहीम रो पड़े और कोर्ट से रहम की गुहार लगाई। जबकि सीबीआई ने किसी भी तरह की राहत दिए जाने का विरोध करते हुए कहा कि राम रहीम को आजीवन कारावास की सजा दी जाए। गौरतलब है कि रोहतक की सुनारिया जेल में बनाए गए कोर्ट रूम में केवल दोनों पक्षों के वकीलों को ही जाने की इजाजत थी। जज द्वारा फैसला पढ़े जाने के बाद दोनों पक्षों के वकीलों ने बाहर आकर इसकी जानकारी दी।
रोहतक की सुनारिया जेल में बनाई गई अस्थाई कोर्ट में डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को सजा सुनाए जाने से पूर्व एक ओर जहां राम रहीम लगातार माफी की मांग करता रहा, वहीं दूसरी ओर सीबीआई की ओर से राम रहीम को कड़ी से कड़ी सजा की मांग की गई। राम रहीम लगातार माफी और रियायत के लिए गिड़गिड़ाता रहा और आंसू बहाता रहा, लेकिन कोर्ट पर इसके आंसूओं का कोई असर नहीं हुआ। आखिरकार कोर्ट ने राम रहीम को 10 साल की सजा का ऐलान किया।
सजा पर फैसला सुनाए जाने से पूर्व सीबीआई ने अपनी दलील में कहा कि गुरमीत ने जिन दो लड़कियों के साथ रेप किया है, उसमें से एक नाबालिग थी। ऐसे में उस पर पॉक्सो की धारा भी लगनी चाहिए। वहीं फैसला सुनाए जाने के बाद राम रहीम जमीन पर ही बैठ गया और अपने किए पर आंसू बहाने लगा। राम रहीम कोर्ट में बैठकर रोते-रोते कहने लगातार कह रहा था कि मैं कहीं नहीं जाऊंगा। इस दौरान उसकी हालत ऐसी हो गई कि आखिर में कोर्ट के कर्मचारियों को उसे लगभग घसीटते हुए कोर्ट के बाहर ले जाना पड़ा। वहीं सजा के बाद राम रहीम का मेडिकल किया गया, जिसमें उसकी हाई बीपी की शिकायत फर्जी मिली।
No comments