दृष्टिबाधित विद्यार्थियों के लिए सूचना और संचार प्रौद्योगिकी से समावेशी शिक्षा पर संगोष्ठी
अजमेर । शिक्षा राज्य मंत्री वासुदेव देवनानी ने कहा है कि राज्य सरकार का यह प्रयास है कि दृष्टिबाधित विद्यार्थियों को सूचना और संचार तकनीकी से शिक्षण के अधिकाधिक अवसर प्रदान किए जाएं। इसके लिए एण्ड्रोयड फोन, लैपटॉप आदि में ब्रेल लिपि की मदद से उन्हें आत्मनिर्भर किए जाने के अधिकाधिक शिक्षण-प्रशिक्षण अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे।
देवनानी आज जयपुर के सीतापुरा में सेंटर फॉर कम्यूनिटी इकोनोमिक्स एंड डवलपमेंट कंसलटेन्ट (सीकोइेडिकोन) द्वारा आयोजित ‘दृष्टिबाधित बच्चों को सूचना और संचार प्रौद्योगिकी से प्रशिक्षण’ विषयक संगोष्ठी में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सूचना और संचार प्रौद्योगिकी ने यह आसान कर दिया है कि दृष्टिबाधित बच्चे भी अपनी प्रतिभा को आगे बढ़ा सकें। उन्होंने कहा कि यह जरूरी है कि दृष्टिबाधित बच्चों को कम्प्यूटर के प्रति आकर्षित किया जाए। उन्हें ब्रेल लिपि के संचार उपकरणों के जरिए शिक्षा, रोजगार और गतिशील बनाने के लिए सभी स्तरों पर प्रयास हों ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें।
देवनानी ने कहा कि विश्वभर के 20 प्रतिशत दृष्टिबाधित हमारे देश में है। इसलिए यह जरूरी है कि उनके लिए सूचना और संचार प्रौद्योगिकी को अधिकाधिक शुलभ कराए जाए ताकि वे दक्ष-प्रशिक्षित हो सकें। उन्होंने कहा कि ऎसे बहुत से उपकरण विकसित हो गए हैं जिनमें ऎसे संकेत हैं जिनका स्पर्श करके दृष्टिबाधित विद्यार्थी न केवल कम्प्यूटर में दक्ष हो सकते हैं बल्कि वे वैज्ञानिक स्तर पर अपने ज्ञान को भी आगे बढ़ा सकते हैं। उन्होंने इस दिशा में और अधिक शोध-अनुसंधान किए जाने की भी आवश्यकता जताई।
इस मौके पर राजस्थान प्राथमिक शिक्षा परिषद् के अतिरिक्त आयुक्त जस्साराम चौधरी ने बताया कि सर्व शिक्षा अभियान के तहत दृष्टिबाधित विद्यार्थियों के प्रशिक्षण के विभिन्न कार्यक्रम क्रियान्वित किए जा रहे हैं। इसके अंतर्गत ऑनलाईन ब्रेल लिपि में उनके कम्प्यूटर प्रशिक्षण पर भी विचार चल रहा है। परिषद के उपायुक्त आकाशदीप अरोड़ा ने दृष्टिबाधित बच्चों के कम्प्यूटर से किए जाने वाले अनुभवों को साझा किया।
देवनानी आज जयपुर के सीतापुरा में सेंटर फॉर कम्यूनिटी इकोनोमिक्स एंड डवलपमेंट कंसलटेन्ट (सीकोइेडिकोन) द्वारा आयोजित ‘दृष्टिबाधित बच्चों को सूचना और संचार प्रौद्योगिकी से प्रशिक्षण’ विषयक संगोष्ठी में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सूचना और संचार प्रौद्योगिकी ने यह आसान कर दिया है कि दृष्टिबाधित बच्चे भी अपनी प्रतिभा को आगे बढ़ा सकें। उन्होंने कहा कि यह जरूरी है कि दृष्टिबाधित बच्चों को कम्प्यूटर के प्रति आकर्षित किया जाए। उन्हें ब्रेल लिपि के संचार उपकरणों के जरिए शिक्षा, रोजगार और गतिशील बनाने के लिए सभी स्तरों पर प्रयास हों ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें।
देवनानी ने कहा कि विश्वभर के 20 प्रतिशत दृष्टिबाधित हमारे देश में है। इसलिए यह जरूरी है कि उनके लिए सूचना और संचार प्रौद्योगिकी को अधिकाधिक शुलभ कराए जाए ताकि वे दक्ष-प्रशिक्षित हो सकें। उन्होंने कहा कि ऎसे बहुत से उपकरण विकसित हो गए हैं जिनमें ऎसे संकेत हैं जिनका स्पर्श करके दृष्टिबाधित विद्यार्थी न केवल कम्प्यूटर में दक्ष हो सकते हैं बल्कि वे वैज्ञानिक स्तर पर अपने ज्ञान को भी आगे बढ़ा सकते हैं। उन्होंने इस दिशा में और अधिक शोध-अनुसंधान किए जाने की भी आवश्यकता जताई।
इस मौके पर राजस्थान प्राथमिक शिक्षा परिषद् के अतिरिक्त आयुक्त जस्साराम चौधरी ने बताया कि सर्व शिक्षा अभियान के तहत दृष्टिबाधित विद्यार्थियों के प्रशिक्षण के विभिन्न कार्यक्रम क्रियान्वित किए जा रहे हैं। इसके अंतर्गत ऑनलाईन ब्रेल लिपि में उनके कम्प्यूटर प्रशिक्षण पर भी विचार चल रहा है। परिषद के उपायुक्त आकाशदीप अरोड़ा ने दृष्टिबाधित बच्चों के कम्प्यूटर से किए जाने वाले अनुभवों को साझा किया।
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