नाम स्मरण से प्राप्त होती है असीम शक्ति : स्वामी भगतप्रकाश
अजमेर। नवनिर्मित श्री प्रेम प्रकाश आश्रम वैशाली नगर में चल रहे भव्य उद्घाटन समारोह एवं सद्गुरू स्वामी बसंतराम जी महाराज के 37वीं पुण्यतिथि महोत्सव के अंतर्गत शनिवार के कार्यक्रमों का आरंभ सुबह सामूहिक ध्यान के साथ हुआ। जिसमें आश्रम के कई श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया।
संत ओम प्रकाश शास्त्री ने बताया प्रातः 8.30 बजे से विद्वान पंडितों द्वारा स्थापित देव पूजन, हवन, धूपाधिवास, फलाधिवास, मूर्तिन्यास, मिष्ठान्नाधिवास, आरती व पुष्पांजलि आदि वैदिक मन्त्रौच्चारण के साथ करवाये गये। इसके साथ ही विभिन्न संतों महात्माओं के सत्संग हुए। जिसमें उल्हास नगर से आईं सुमन खेमलानी ने अपने भजनों से उपस्थित श्रद्धालुओं को भाव विभोर कर दिया।
प्रेम प्रकाश आश्रम के महामंडलेश्वर स्वामी भगतप्रकाश महाराज अपने प्रवचन में मनुष्य को समजते हुए कहा हैं कि तुम्हारे जीवन के इतने साल भोग विलास में खर्च हो गये हैं। अभी भी समय है कि बचे हुए समय में परम् पिता परमेश्वर की भक्ति करके अपना कल्याण कर लें। गुजरे हुए वक्त की अब चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। अब जो हाथ में समय है उसमें नाम की कमाई कर ले और जीवन को सफल बना ले। सत्संग के बाद ब्रह्मभोज हुआ जिसमें अजमेर के लगभग 200 से अधिक ब्राह्मणों ने भोजन प्रसादी ग्रहण की ।
शाम को में 4.30 बजे से दिल्ली की प्रसिद्ध मनोज-रिया एण्ड पार्टी द्वारा श्री गणेश वंदना, श्री बालाजी महाराज वानर सेना के साथ, शिव -पार्वती विवाह, कृष्ण-सुदामा प्रसंग, मोर पंख की झांकी, भोले बाबा की भस्म आरती आदि की चल-चलित झांकियों की मनमोहक प्रस्तुति की गई। जिसका वहां पर उपस्थित कई श्रद्धालुओं ने आनन्द लिया।
इसके बाद इंदौर के प्रसिद्ध परमानन्द (पिन्टू) एवं गुरुमुखदास ने रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किया। आश्रम के महंत स्वामी ब्रह्मानन्द शास्त्री जी ने अपने प्रवचनों में श्रद्धालुओं को कुसंग व बुरी आदतों से किनारा कर सुन्दर भविष्य निर्माण के लिए उनको सत्संग की ओर प्रेरित किया।
प्रेम प्रकाश आश्रम के महामंडलेश्वर स्वामी भगत प्रकाश ने अपनी ओजस्वी वाणी में स्वामी बसंतराम जी महाराज के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि उनके जीवन से हमें यह संदेश मिलता है कि हमें अपने मन की वृत्ति को नाम से जोड़ना चाहिये जैसे पावर हाउस से हमें बिजली रूपी शक्ति मिलती है, वैसे ही नाम स्मरण से हमें असीम शक्ति सद्गुरू द्वारा प्राप्त होती है, जो कि अनंत शक्ति के भंडार हैं। उद्घाटन समारोह व सद्गुरू बसंतराम जी महाराज का यह पावन मेला चल रहा है, ऐसे महापुरूषों का जीवन दूसरों के उपकार व कल्याण के लिये होता है। हम अगर उनके जीवन से अच्छी शिक्षायें अपने जीवन में अपनायेंगे तो हमारा मानव जीवन सफल हो जायेगा। प्रसाद वितरण पश्चात् दिन के कार्यक्रमों का समापन हुआ।
संत ओम प्रकाश शास्त्री ने बताया प्रातः 8.30 बजे से विद्वान पंडितों द्वारा स्थापित देव पूजन, हवन, धूपाधिवास, फलाधिवास, मूर्तिन्यास, मिष्ठान्नाधिवास, आरती व पुष्पांजलि आदि वैदिक मन्त्रौच्चारण के साथ करवाये गये। इसके साथ ही विभिन्न संतों महात्माओं के सत्संग हुए। जिसमें उल्हास नगर से आईं सुमन खेमलानी ने अपने भजनों से उपस्थित श्रद्धालुओं को भाव विभोर कर दिया।
प्रेम प्रकाश आश्रम के महामंडलेश्वर स्वामी भगतप्रकाश महाराज अपने प्रवचन में मनुष्य को समजते हुए कहा हैं कि तुम्हारे जीवन के इतने साल भोग विलास में खर्च हो गये हैं। अभी भी समय है कि बचे हुए समय में परम् पिता परमेश्वर की भक्ति करके अपना कल्याण कर लें। गुजरे हुए वक्त की अब चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। अब जो हाथ में समय है उसमें नाम की कमाई कर ले और जीवन को सफल बना ले। सत्संग के बाद ब्रह्मभोज हुआ जिसमें अजमेर के लगभग 200 से अधिक ब्राह्मणों ने भोजन प्रसादी ग्रहण की ।
शाम को में 4.30 बजे से दिल्ली की प्रसिद्ध मनोज-रिया एण्ड पार्टी द्वारा श्री गणेश वंदना, श्री बालाजी महाराज वानर सेना के साथ, शिव -पार्वती विवाह, कृष्ण-सुदामा प्रसंग, मोर पंख की झांकी, भोले बाबा की भस्म आरती आदि की चल-चलित झांकियों की मनमोहक प्रस्तुति की गई। जिसका वहां पर उपस्थित कई श्रद्धालुओं ने आनन्द लिया।
इसके बाद इंदौर के प्रसिद्ध परमानन्द (पिन्टू) एवं गुरुमुखदास ने रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किया। आश्रम के महंत स्वामी ब्रह्मानन्द शास्त्री जी ने अपने प्रवचनों में श्रद्धालुओं को कुसंग व बुरी आदतों से किनारा कर सुन्दर भविष्य निर्माण के लिए उनको सत्संग की ओर प्रेरित किया।
प्रेम प्रकाश आश्रम के महामंडलेश्वर स्वामी भगत प्रकाश ने अपनी ओजस्वी वाणी में स्वामी बसंतराम जी महाराज के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि उनके जीवन से हमें यह संदेश मिलता है कि हमें अपने मन की वृत्ति को नाम से जोड़ना चाहिये जैसे पावर हाउस से हमें बिजली रूपी शक्ति मिलती है, वैसे ही नाम स्मरण से हमें असीम शक्ति सद्गुरू द्वारा प्राप्त होती है, जो कि अनंत शक्ति के भंडार हैं। उद्घाटन समारोह व सद्गुरू बसंतराम जी महाराज का यह पावन मेला चल रहा है, ऐसे महापुरूषों का जीवन दूसरों के उपकार व कल्याण के लिये होता है। हम अगर उनके जीवन से अच्छी शिक्षायें अपने जीवन में अपनायेंगे तो हमारा मानव जीवन सफल हो जायेगा। प्रसाद वितरण पश्चात् दिन के कार्यक्रमों का समापन हुआ।
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