आरटीआई में नहीं मिलेगी आनंदपाल की पोस्टमार्टम रिपोर्ट
जयपुर। राजस्थान समेत कई राज्यों में मोस्ट वांटेड अपराधी रहे आनंदपाल की मौत के मामले में एक महत्वपूर्ण एवं बड़ी जानकारी सामने आई है। इसके मुताबिक, आनंदपाल की मौत के राज से पर्दा उठना मुश्किल हो गया है। दरअसल, राज्य सूचना आयोग ने एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है, जिसके तहत आनंदपाल की मौत के बाद हुए उसके पोस्टमार्टम की रिपोर्ट किसी भी तरह से आरटीआई के तहत नहीं मिल पाएगी। ऐसे में आनंदपाल की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आरटीआई में नहीं मिल पाने के चलते आनंदपाल की मौत और उससे जुड़ी पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पर्दा उठना नामुमकिन हो गया है।
जानकारी के मुताबिक, कुख्यात गैंगस्टर आनंदपाल, जिसकी मौत चुरू के मालासर में पुलिस एनकाउंटर में हो गई थी और उसकी मौत के बाद प्रदेशभर में जोरदार हंगामा हुआ था। वहीं आनंदपाल के परिजनों एवं समाज के लोगों द्वारा मामले की सीबीआई जांच की पुरजोर मांग की गई थी, जिसके चलते राज्य में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए राज्य सरकार ने मामले की सीबीआई से जांच कराने की अनुशंसा की थी। ऐसे में अब राज्य सूचना आयोग का ये फैसला काफी महत्वपूर्ण है, जिसके तहत आरटीआई में आनन्दपाल की पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं मिलेगी।
दरअसल, आनंदपाल सिंह की पोस्टमार्टम रिपोर्ट की प्रति सूचना के अधिकार के तहत किसी भी आम आदमी तृतीय पक्षकार को नहीं मिल सकती। मृतक आनंदपाल का पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सकों के नाम भी सूचना का अधिकार के तहत उजागर नहीं किए जा सकते। राज्य सूचना आयुक्त आशुतोष शर्मा ने गत सप्ताह दो अपीलें खारिज करते हुए यह महत्वपूर्ण व्यवस्था दी है।
आयुक्त शर्मा ने अपने निर्णय में कहा है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट पुलिस-न्यायालय-चिकित्सक व मृतक के परिजनों से सम्बन्धित व्यक्तिगत सूचना है तथा व्यापक लोकहित दर्शाए बिना इसकी प्रति किसी अन्य व्यक्ति को सूचना का अधिकार के तहत नहीं दी जा सकती। आयोग ने यह भी कहा कि पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सकों के नाम भी उनकी सुरक्षा को देखते हुए सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत सार्वजनिक नहीं किए जा सकते।
गौरतलब है कि सी-स्कीम जयपुर निवासी अपीलार्थी अजीत सिंह ने 17 जुलाई 2017 को एक प्रार्थना पत्र पेश कर आनंदपाल सिंह के रतनगढ़ व चूरू में हुए पोस्टमार्टम रिपोर्ट की प्रतियां व पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सकों के नाम की सूचना मांगी थी। सूचनाएं नहीं मिलने पर मामला अपील के तहत राज्य सूचना आयोग में पहुंचा था। इसके बाद आयोग ने अपीलार्थी के तर्क को उचित नहीं मानते हुए उसकी अपील को खारिज कर दिया।
आयोग ने अपने फैसले में यह भी कहा कि पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सकों के नाम की सूचना भी उनके प्रति विश्वास तथा उनके जीवन व शारीरिक सुरक्षा के मद्देनजर सूचना का अधिकार अधिनियम की धारा 8(1)(e) एवं 8(1)(j) के तहत नहीं दी जा सकती। इसके साथ ही आयोग ने प्रमुख चिकित्सा अधिकारी को चेतावनी देते हुए यह भी कहा है कि वे भविष्य में इस प्रकार की कोई भी सूचना देने के प्रति पूर्ण रूप से सावधानी बरतें।
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दरअसल, आनंदपाल सिंह की पोस्टमार्टम रिपोर्ट की प्रति सूचना के अधिकार के तहत किसी भी आम आदमी तृतीय पक्षकार को नहीं मिल सकती। मृतक आनंदपाल का पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सकों के नाम भी सूचना का अधिकार के तहत उजागर नहीं किए जा सकते। राज्य सूचना आयुक्त आशुतोष शर्मा ने गत सप्ताह दो अपीलें खारिज करते हुए यह महत्वपूर्ण व्यवस्था दी है।
आयुक्त शर्मा ने अपने निर्णय में कहा है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट पुलिस-न्यायालय-चिकित्सक व मृतक के परिजनों से सम्बन्धित व्यक्तिगत सूचना है तथा व्यापक लोकहित दर्शाए बिना इसकी प्रति किसी अन्य व्यक्ति को सूचना का अधिकार के तहत नहीं दी जा सकती। आयोग ने यह भी कहा कि पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सकों के नाम भी उनकी सुरक्षा को देखते हुए सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत सार्वजनिक नहीं किए जा सकते।
गौरतलब है कि सी-स्कीम जयपुर निवासी अपीलार्थी अजीत सिंह ने 17 जुलाई 2017 को एक प्रार्थना पत्र पेश कर आनंदपाल सिंह के रतनगढ़ व चूरू में हुए पोस्टमार्टम रिपोर्ट की प्रतियां व पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सकों के नाम की सूचना मांगी थी। सूचनाएं नहीं मिलने पर मामला अपील के तहत राज्य सूचना आयोग में पहुंचा था। इसके बाद आयोग ने अपीलार्थी के तर्क को उचित नहीं मानते हुए उसकी अपील को खारिज कर दिया।
आयोग ने अपने फैसले में यह भी कहा कि पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सकों के नाम की सूचना भी उनके प्रति विश्वास तथा उनके जीवन व शारीरिक सुरक्षा के मद्देनजर सूचना का अधिकार अधिनियम की धारा 8(1)(e) एवं 8(1)(j) के तहत नहीं दी जा सकती। इसके साथ ही आयोग ने प्रमुख चिकित्सा अधिकारी को चेतावनी देते हुए यह भी कहा है कि वे भविष्य में इस प्रकार की कोई भी सूचना देने के प्रति पूर्ण रूप से सावधानी बरतें।
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