कलेक्टर ने शिशु गृह एवं बालिका गृह का किया निरीक्षण, स्नेह पाकर खिल उठे बच्चों के चेहरे
अजमेर। अपनों से दूर बालकों को अपनत्व मिलें तो वे प्रसन्न हो जाते है। ऎसा ही वाक्या आज शिशुगृह में देखने को मिला। जब जिला कलेक्टर आरती डोगरा अपने व्यस्त कार्यक्रम से समय निकाल कर अचानक शिशु गृह पहुंची। वे वहां लगभग एक घंटे से भी अधिक समय तक रही। स्नेह की अनुभूति पाकर मासूम बच्चाें के चेहरे भी खिल उठे।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा लोहागल में संचालित बालिका गृह एवं शिशु का सोमवार को जिला कलक्टर ने निरीक्षण किया। उन्होंने वहां बच्चों को लाड़ - दुलार दिया। उनसे बातचीत की तथा उन्हें टॉफियां भी दी। गोदी में भी खिलाया। अचानक मिले इस स्नेह एवं अपनत्व का भाव पाकर बच्चें ही नहीं वरन् स्टाफ भी खुश था।
जिला कलेक्टर ने प्रत्येक बच्चे के बारे में प्रभारी अदिति माहेश्वरी से जानकारी प्राप्त की। जिला कलेक्टर ने इसके बाद बालिका गृह का भी निरीक्षण किया। उन्होंने वहां बालिकाओं से शिक्षा अध्ययन, खेलकूद एवं अन्य कार्यो के संबंध में जानकारी ली, वहीं पुस्तकालय एवं कम्प्यूटर कक्ष को भी देख कर सीख रही बालिकाओं से बातचीत की।
बालिका गृह प्रभारी ने बताया कि शिशु गृह में कुल आठ बच्चे है। जिनमें तीन वर्ष से उपर के तीन बच्चे है, शेष सभी छोटे हैं। इनमें से एक बच्ची रोशनी तो आपणी बेटी योजना में चिन्हित है। बालिका गृह में कुल तीस बच्चियां है। जिला कलेक्टर ने बच्चियों द्वारा बनाई गई पेन्टिंग्स को भी देखा तथा उसकी तारीफ की।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा लोहागल में संचालित बालिका गृह एवं शिशु का सोमवार को जिला कलक्टर ने निरीक्षण किया। उन्होंने वहां बच्चों को लाड़ - दुलार दिया। उनसे बातचीत की तथा उन्हें टॉफियां भी दी। गोदी में भी खिलाया। अचानक मिले इस स्नेह एवं अपनत्व का भाव पाकर बच्चें ही नहीं वरन् स्टाफ भी खुश था।
जिला कलेक्टर ने प्रत्येक बच्चे के बारे में प्रभारी अदिति माहेश्वरी से जानकारी प्राप्त की। जिला कलेक्टर ने इसके बाद बालिका गृह का भी निरीक्षण किया। उन्होंने वहां बालिकाओं से शिक्षा अध्ययन, खेलकूद एवं अन्य कार्यो के संबंध में जानकारी ली, वहीं पुस्तकालय एवं कम्प्यूटर कक्ष को भी देख कर सीख रही बालिकाओं से बातचीत की।
बालिका गृह प्रभारी ने बताया कि शिशु गृह में कुल आठ बच्चे है। जिनमें तीन वर्ष से उपर के तीन बच्चे है, शेष सभी छोटे हैं। इनमें से एक बच्ची रोशनी तो आपणी बेटी योजना में चिन्हित है। बालिका गृह में कुल तीस बच्चियां है। जिला कलेक्टर ने बच्चियों द्वारा बनाई गई पेन्टिंग्स को भी देखा तथा उसकी तारीफ की।
No comments