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न्याय आपके द्वार शिविर : मंत्री देवनानी ने लिया भाग, ग्रामीणों की विभिन्न समस्याओं का हुआ समाधान

अजमेर। शिक्षा एवं पंचायतीराज राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि राज्य सरकार ने सबको साथ लेकर सबका विकास किया है। गांवों में राजस्व एवं अन्य विभागों से संबंधित समस्याएं थी। ग्रामीणों को जिला और उपखंड तक जाकर समस्याओं का समाधान कराने में परेशानी आती थी। सरकार ने इस परेशानी को समझा और राजस्व लोक अदालतः न्याय आपके द्वार अभियान शुरू किया। आज ग्रामीणों को उनके ग्राम पंचायत मुख्यालय पर ही राजस्व सहित 15 विभागों की सेवाएं मिल रही हैं। ग्रामीण इन शिविरों का अधिक से अधिक लाभ उठाएं।     

शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी ने आज माकड़वाली में आयोजित राजस्व लोक अदालतः न्याय आपके द्वार अभियान शिविर में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अपनी अभिनव सोच से यह अभियान शुरू किया है। पहले लोग सालों तक राजस्व संबंधी समस्याओं के लिए परेशान रहते थे। जिला और उपखंड मुख्यालयों तक आने-जाने में ही मोटी रकम खर्च हो जाती थी फिर भी सालों तक न्याय नहीं मिलता। हमने इस समस्या को समझा और यह अभियान शुरू किया।

उन्होंने कहा कि आज यह अभियान घर बैठे गंगा आने जैसा बन गया है। ग्रामीणों की सालों पुरानी समस्याओं का समाधान बस एक दिन में हो जाता है। अजमेर जिले में प्रतिदिन हजारों लोग खुशी-खुशी घर लौटते हैं क्योंकि यह शिविर उनके लिए वरदान बनकर सामने आए हैं। किसी का नाम तो किसी की खाता दुरुस्ती, किसी का बंटवारा तो किसी का सीमाज्ञान, अतिक्रमण, रास्ते खुलवाना और अन्य दर्जनों राहतें हैं जो इन शिविरों के माध्यम से दी जा रही हैं। इसके साथ ही 14 अन्य विभागों की सेवाएं भी ग्रामीणों को उनके ग्राम पंचायत मुख्यालय पर ही मिल रही हैं।

शिक्षा राज्यमंत्री ने शिविर में ग्रामीणों को उज्जवला योजना के तहत नए गैस कनेक्शन भी वितरित किए। इसके अलावा व्यक्तिगत लाभार्थियों को भी राहत प्रदान की गई। इस अवसर पर जिला प्रमुख वंदना नोगिया, उपखंड अधिकारी अंजलि राजौरिया सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

मंत्री आए तो एक दिन में मिल गया भामाशाह कार्ड
माकड़वाली के रहने वाले रामदेव गुर्जर करीब छह महीने से परेशान थे। उन्होंने भामाशाह कार्ड के लिए आवेदन कर रखा था लेकिन काफी कोशिशों के बाद भी वह जारी नहीं हो पा रहा था। बुधवार को माकड़वाली में आयोजित शिविर में जब रामदेव ने अपनी परेशानी शिक्षा राज्यमंत्री देवनानी के सामने रखी तो उसका काम बन गया। उन्होंने हाथों-हाथ अधिकारियों को निर्देश देकर ना सिर्फ कार्ड बनवाया बल्कि वह रामदेव को वितरित भी करवाया।

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