अजमेर दरगाह बम ब्लास्ट मामले में तीन आरोपी दोषी, शेष आरोपियों को किया बरी
जयपुर। अजमेर स्थित ख्वाजा मुइनुद्दीन चिश्ती की विश्वविख्यात दरगाह में साल 2007 में 11 अक्टूबर को हुए बम ब्लास्ट के मामले में राजधानी जयपुर में एनआईए मामलो की अदालत ने आज अहम फैसला सुनाया गया है। कोर्ट ने इस बहुचर्चित मामले में तीन आरोपियों को दोषी ठकराया है, वहीं शेष आरोपियों को बरी कर दिया है। दोषी आरोपियों में से एक आरोपी सुनील जोशी की पहले ही मौत हो चुकी है। इस मामले में दोषी ठकराये गए आरोपियों को अब 16 मार्च को सजा सुनाई जाएगी।
करीब दस साल अजमेर दरगाह में हुए बम ब्लास्ट के मामले में विशेष कोर्ट ने 25 फरवरी को निर्णय टालते हुए 8 मार्च की तारीख मुकर्रर की थी, जिसके बाद आज इस मामले में अहम फैसला सुनाया है। इस मामले में गिरफ्तार किए गए सभी नौ आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया था। मामले में तीन चार्जशीट और पेश की गई। पूरे मामले में अभियोजन पक्ष की तरफ से 442 दस्तावेजी साक्ष्य पेश किए गए। बचाव पक्ष की तरफ से 38 दस्तावेजी साक्ष्य पेश करते हुए 2 गवाह पेश किए गए। चार आरोपी अभी भी फरार चल रहे हैं। फरार आरोपियों में सुरेश नायर, अमित ऊर्फ हकला, संदीप डांगे और रामचंद्र कंलसागरा शामिल है।
गौरतलब है कि इस मामले में अभियोजन पक्ष की तरफ से करीब 149 गवाह पेश किए गए, जिसमें से करीब 26 महत्वपूर्ण गवाह पक्षद्रोही हो गए थे। इस प्रकरण में देवेन्द्र गुप्ता, लोकेश शर्मा, चन्द्रशेखर लेवे, स्वामी असीमानन्द, हर्षद सोलंकी, मुकेश बसानी, भरतमोहनलाल रतेश्वर, भावेश अरविन्द भाई पटेल और मफत उर्फ मेहूल को गिरफ्तार किया। जबकि एक अन्य आरोपी सुनील जोशी की मौत हो चुकी है। इनमें से देवेन्द्र गुप्ता, भावेश और सुनील जोशी को किया दोषी करार दिया गया है।
करीब दस साल अजमेर दरगाह में हुए बम ब्लास्ट के मामले में विशेष कोर्ट ने 25 फरवरी को निर्णय टालते हुए 8 मार्च की तारीख मुकर्रर की थी, जिसके बाद आज इस मामले में अहम फैसला सुनाया है। इस मामले में गिरफ्तार किए गए सभी नौ आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया था। मामले में तीन चार्जशीट और पेश की गई। पूरे मामले में अभियोजन पक्ष की तरफ से 442 दस्तावेजी साक्ष्य पेश किए गए। बचाव पक्ष की तरफ से 38 दस्तावेजी साक्ष्य पेश करते हुए 2 गवाह पेश किए गए। चार आरोपी अभी भी फरार चल रहे हैं। फरार आरोपियों में सुरेश नायर, अमित ऊर्फ हकला, संदीप डांगे और रामचंद्र कंलसागरा शामिल है।
गौरतलब है कि इस मामले में अभियोजन पक्ष की तरफ से करीब 149 गवाह पेश किए गए, जिसमें से करीब 26 महत्वपूर्ण गवाह पक्षद्रोही हो गए थे। इस प्रकरण में देवेन्द्र गुप्ता, लोकेश शर्मा, चन्द्रशेखर लेवे, स्वामी असीमानन्द, हर्षद सोलंकी, मुकेश बसानी, भरतमोहनलाल रतेश्वर, भावेश अरविन्द भाई पटेल और मफत उर्फ मेहूल को गिरफ्तार किया। जबकि एक अन्य आरोपी सुनील जोशी की मौत हो चुकी है। इनमें से देवेन्द्र गुप्ता, भावेश और सुनील जोशी को किया दोषी करार दिया गया है।
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