नहीं किया जाएगा आनंदपाल की बेटी चीनू को गिरफ्तार, सीबीआई जांच की मांग पर भी बनी सहमति
जयपुर। आनंदपाल सिंह के मामले को लेकर आज राजधानी जयपुर स्थित सचिवालय में राजपूत समाज के पदाधिकारियों ने सरकार से चर्चा की, जिसमें राजपूत समाज की कई मांगों पर सहमति बन गई है। वहीं राजपूत समाज के संगठनों से जुड़े लोगों की ओर से की जा रही इस मामले में सीबीआई जांच कराए जाने की मांग पर भी सहमति बन गई है।
जानकारी के अनुसार, सरकार के मंत्रियों, पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों के साथ हुई बातचीत के बाद राजपूत समाज की ओर से की जा रही कई मांगों पर सहमति बन गई है और कई मांगों पर अभी विचार विमर्श किया जाएगा। वहीं राजपुत समाज के लोग इस मामले में सीबीआई जांच की मांग पर अड़े हुए हैं, जिस पर भी सहमति बन गई है।
सूत्रों के मुताबिक, बातचीत में इस बात पर सहमति बन गई है कि आनंदपाल की बड़ी बेटी चीनू को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। वहीं 12 जुलाई को सांवराद में आयोजित श्रद्धांजलि सभा के दौरान हुई फायरिंग की घटना में मारे गए सुरेन्द्र सिंह के परिवार को नौकरी और मुआवजा दिए जाने की मांग पर भी सहमति बन गई है।
वार्ता में गृह मंत्री गुलाबचंद कटारिया, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री राजेन्द्र राठौड़, राजपूत समाज के नेता लोकेन्द्र सिंह कालवी, गिरिराज सिंह लोटवाड़ा, प्रमुख शासन सचिव गृह दीपक उप्रेती, एडीजी क्राइम पी के सिंह, एडीजी लॉ एंड ऑर्डर एन आर के रेड्डी समेत कई अधिकारी मौजूद रहे।
जानकारी के अनुसार, सरकार के मंत्रियों, पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों के साथ हुई बातचीत के बाद राजपूत समाज की ओर से की जा रही कई मांगों पर सहमति बन गई है और कई मांगों पर अभी विचार विमर्श किया जाएगा। वहीं राजपुत समाज के लोग इस मामले में सीबीआई जांच की मांग पर अड़े हुए हैं, जिस पर भी सहमति बन गई है।
सूत्रों के मुताबिक, बातचीत में इस बात पर सहमति बन गई है कि आनंदपाल की बड़ी बेटी चीनू को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। वहीं 12 जुलाई को सांवराद में आयोजित श्रद्धांजलि सभा के दौरान हुई फायरिंग की घटना में मारे गए सुरेन्द्र सिंह के परिवार को नौकरी और मुआवजा दिए जाने की मांग पर भी सहमति बन गई है।
वार्ता में गृह मंत्री गुलाबचंद कटारिया, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री राजेन्द्र राठौड़, राजपूत समाज के नेता लोकेन्द्र सिंह कालवी, गिरिराज सिंह लोटवाड़ा, प्रमुख शासन सचिव गृह दीपक उप्रेती, एडीजी क्राइम पी के सिंह, एडीजी लॉ एंड ऑर्डर एन आर के रेड्डी समेत कई अधिकारी मौजूद रहे।
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