पहलाज निहलानी पर चली सेंसर बोर्ड में चीफ के तौर पर प्रसून जोशी की 'कैंची'
मुंबई। सेंट्रल बोर्ड अॉफ फिल्म सर्टिफिकेशन (सीबीएफसी) के चेयरमैन पहलाज निहलानी पर मशहूर गीतकार, लेखक, कवि और प्रोमो राइटर प्रसून जोशी की सेंसर बोर्ड में चीफ के तौर पर 'कैंची' चल गई है। यानीकि सेंसर बोर्ड के चेयरमैन के पद से पहलाज निहलानी को हटा दिया गया है और उनकी जगह अब प्रसून जोशी सेंसर बोर्ड के चेयरमैन होंगे। वहीं बॉलीवुड की अदाकारा विद्या बालन को भी सेंसर बोर्ड में सदस्य बनाया गया है।
गौरतलब है कि पहलाज निहलानी ने सेंसर बोर्ड चेयरमैन बनने के बाद कई फिल्मों के निर्देशकों ने लगातार कई मौकों पर आपत्ति जताई थी। कई बार फिल्मों से जुड़ी हस्तियों ने निहलानी के कामकाज करने के तरीकों पर भी आपत्ति जताई थी। वहीं हाल ही के दिनों में बतौर सेंसर बोर्ड चीफ निहलानी के कुछ फैसलों पर सवाल भी उठाया गया था। खासकर फिल्मों को सर्टिफिकेट देने और उनमें कट्स के सुझाव के कारण वे अक्सर चर्चाओं में रहे हैं। ऐसे में अब सरकार ने प्रसून जोशी को नया चेयरमैन बनाने का फैसला किया है।
आपको बता दें कि मोदी सरकार के आने के बाद सेंसर बोर्ड के चीफ के तौर पर निहलानी की नियुक्ति हुई थी, इसके बाद वे लगातार विवादों में रहे। निहलानी का कार्यकाल महज तीन साल रहा है और ये तीन साल काफी कंट्रोवर्शियल भी रहे हैं। पहलाज निहलानी ने इन तीन सालों में ऐसे कई फैसले लिए, जिसने सीबीएफसी को महज फिल्मों के सीन पर कैंची चलाने वाली संस्था बना दिया था।
निहलानी ने हालिया फिल्म 'लिपस्टिक अंडर माय बुर्का' को यह कहकर सर्टिफिकेट देने से इनकार कर दिया था कि फिल्म की कहानी औरतों की ज़िंदगी के इर्द-गिर्द घूमती है। इससे पहले फ़िल्म 'उड़ता पंजाब' मैं सैकड़ों कट लगाने को लेकर भी वह काफी चर्चा में रहे थे। इतना ही नहीं उन्होंने 'स्पेक्ट्रम' में जेम्स बॉन्ड के किसिंग सीन की लंबाई भी कम कर दी थी, जिससे बॉन्ड फैंस खासे नाराज़ हुए थे।
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