आखिरकार टल ही गई भंसाली की 'पद्मावति', अब 1 दिसंबर को नहीं होगी रिलीज
नई दिल्ली। फिल्म निर्देशक संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावति' को लेकर देशभर में हो रहे विरोध के बीच केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) की फटकार के बाद आखिर इस फिल्म की रिलीज को टाल दिया गया है। 1 दिसंबर को रिलीज होने वाली ये फिल्म अब इस दिन रिलीज नहीं की जाएगी। इस बात की अधिकारिक घोषणा वायकॉम 18 मोशन पिक्चर्स की ओर से जारी बयान में की गई है।
संजय लीला भंसाली के साथ वायाकॉम 18 मोशन पिक्चर्स द्वारा बनाई गई फिल्म 'पद्मावती' को लेकर वायकॉम 18 मोशन पिक्चर्स की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि, 'फिल्म ‘पद्मावती’ को प्रोड्यूस करने वाली कंपनी 'वायकॉम 18 मोशन पिक्चर्स ने बिना किसी दवाब के इस फिल्म को 1 दिसंबर 2017 के रिलीज न करने का फैसला लिया है। संजय लीला भंसाली जो कि अपनी पीढ़ी के सबसे बेहतरीन डायरेक्टर्स में से एक हैं, उन्होंने वायकॉम 18 के साथ मिलकर एक बहुत ही खूबसूरत फिल्म बनाई है।'
बयान में आगे कहा गया है कि, 'फिल्म 'पद्मावति' में राजपूत वीरांगना, गरिमा और परंपरा का महिमामंडन किया गया है। यह एक ऐसी कहानी है, जो सभी भारतीयों का सीना गर्व से भर देगी और दुनियाभर में हमारे देश के स्टोरी टैलिंग के कौशल का प्रदर्शन करेगी। हम एक जिम्मेदार कॉर्पोरेट संस्थान हैं, जो देश के कानून और सभी सरकारी संस्थानों का सम्मान करते हैं। इसमें केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड भी शामिल है।'
'हम हमेशा से संस्थानिक प्रक्रियाओं को पूरी जिम्मेदारी से निभाते आए हैं और हमें पूरा भरोसा है कि हमारी फिल्म को अपेक्षित रिलीज डेट मिलेगी। हम जल्द ही फिल्म की नई रिलीज डेट की घोषणा करेंगे। हमने हमेशा से अपने दर्शको को सच्ची और अच्छी कहानियां बताई है और हम हमेशा इस चीज के लिए अपने फैंस के प्रति प्रतिबद्ध रहेंगे।'
हालांकि फिल्म मेकर्स द्वारा 'पद्मावति' की रिलीज को लेकर अभी तक किसी तरह की कोई घोषणा नहीं की गई है, लेकिन खबरों के मुताबिक बताया जा रहा है कि फिल्म को अगले साल जनवरी में रिलीज किया जा सकता है। गौरतलब है कि फिल्म 'पद्मावति' में रानी पद्मिनी के गलत चित्रण एवं इतिहास के साथ छेड़छाड़ किए जाने के आरोपों के साथ करणी सेना की ओर से इस फिल्म का देशभर में विरोध किया जा रहा है।
वहीं विरोध को देखते हुए शनिवार को ही राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने सूचना और प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी को चिट्ठी लिखकर कहा था कि फिल्म में जब तक जरूरी बदलाव न हो, तब तक इसे रिलीज ना किया जाए। उन्होंने कहा है कि फेमस इतिहासकारों, फिल्म पर्सनैलिटीज के सदस्यों की एक समिती को फिल्म की कहानी पर विस्तार से चर्चा करना चाहिए।
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अपनी चिट्ठी में लिखा था कि फिल्ममेकर्स के पास अपनी सूझ-बूझ के हिसाब से फिल्में बनाने का अधिकार है, लेकिन संविधान में यह भी कहा गया है कि कानून-व्यवस्था और नागरिकों की भावनाओं की रक्षा के लिए मौलिक अधिकारों को कंट्रोल करना होगा। इसलिए फिल्म की रिलीज पर दोबारा सोचना चाहिए।
संजय लीला भंसाली के साथ वायाकॉम 18 मोशन पिक्चर्स द्वारा बनाई गई फिल्म 'पद्मावती' को लेकर वायकॉम 18 मोशन पिक्चर्स की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि, 'फिल्म ‘पद्मावती’ को प्रोड्यूस करने वाली कंपनी 'वायकॉम 18 मोशन पिक्चर्स ने बिना किसी दवाब के इस फिल्म को 1 दिसंबर 2017 के रिलीज न करने का फैसला लिया है। संजय लीला भंसाली जो कि अपनी पीढ़ी के सबसे बेहतरीन डायरेक्टर्स में से एक हैं, उन्होंने वायकॉम 18 के साथ मिलकर एक बहुत ही खूबसूरत फिल्म बनाई है।'
बयान में आगे कहा गया है कि, 'फिल्म 'पद्मावति' में राजपूत वीरांगना, गरिमा और परंपरा का महिमामंडन किया गया है। यह एक ऐसी कहानी है, जो सभी भारतीयों का सीना गर्व से भर देगी और दुनियाभर में हमारे देश के स्टोरी टैलिंग के कौशल का प्रदर्शन करेगी। हम एक जिम्मेदार कॉर्पोरेट संस्थान हैं, जो देश के कानून और सभी सरकारी संस्थानों का सम्मान करते हैं। इसमें केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड भी शामिल है।'
'हम हमेशा से संस्थानिक प्रक्रियाओं को पूरी जिम्मेदारी से निभाते आए हैं और हमें पूरा भरोसा है कि हमारी फिल्म को अपेक्षित रिलीज डेट मिलेगी। हम जल्द ही फिल्म की नई रिलीज डेट की घोषणा करेंगे। हमने हमेशा से अपने दर्शको को सच्ची और अच्छी कहानियां बताई है और हम हमेशा इस चीज के लिए अपने फैंस के प्रति प्रतिबद्ध रहेंगे।'
हालांकि फिल्म मेकर्स द्वारा 'पद्मावति' की रिलीज को लेकर अभी तक किसी तरह की कोई घोषणा नहीं की गई है, लेकिन खबरों के मुताबिक बताया जा रहा है कि फिल्म को अगले साल जनवरी में रिलीज किया जा सकता है। गौरतलब है कि फिल्म 'पद्मावति' में रानी पद्मिनी के गलत चित्रण एवं इतिहास के साथ छेड़छाड़ किए जाने के आरोपों के साथ करणी सेना की ओर से इस फिल्म का देशभर में विरोध किया जा रहा है।
वहीं विरोध को देखते हुए शनिवार को ही राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने सूचना और प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी को चिट्ठी लिखकर कहा था कि फिल्म में जब तक जरूरी बदलाव न हो, तब तक इसे रिलीज ना किया जाए। उन्होंने कहा है कि फेमस इतिहासकारों, फिल्म पर्सनैलिटीज के सदस्यों की एक समिती को फिल्म की कहानी पर विस्तार से चर्चा करना चाहिए।
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अपनी चिट्ठी में लिखा था कि फिल्ममेकर्स के पास अपनी सूझ-बूझ के हिसाब से फिल्में बनाने का अधिकार है, लेकिन संविधान में यह भी कहा गया है कि कानून-व्यवस्था और नागरिकों की भावनाओं की रक्षा के लिए मौलिक अधिकारों को कंट्रोल करना होगा। इसलिए फिल्म की रिलीज पर दोबारा सोचना चाहिए।
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