काले धन वालों की सूची हासिल करने के लिए भारत की माननी होगी स्विस बैंक की ये शर्त
नई दिल्ली। विदेशों की बैंकों में जमा कई भारतीय लोगों के कालेधन को लेकर भरत को जल्द ही एक और सफलता मिल सकती है, लेकिन इसके लिए भारत को स्विस बैंक की ओर से रखी गई शर्त का पालन करना होगा। स्विट्जरलैंड खातों की जानकारी देने को लेकर अब शर्त लगा सकता है। इससे भारत समेत अन्य देशों के लिए ब्लैक मनी के खातों की जानकारी पाना आसान नहीं होगा। ऐसे में कालेधन को भारत लाने की कोशिशों पर असर पड़ सकता है।
स्विट्जरलैंड ने कहा है कि अगर कालेधन की सूचनाओं के स्वत: आदान-प्रदान की प्रस्तावित व्यवस्था के तहत गोपनीयता की शर्त को भंग किया गया तो वह सूचना देने के काम को निलंबित कर सकता है। दरअसल, स्विटज़रलैंड ने एक समझौते के तहत अपने यहां जमा कालेधन की सूचना अन्य देशों को अगले साल साझा करने की ऑटोमेटिक एक्सचेंज व्यवस्थआ पर साइन किए थे। इस समझौते में भारत और अन्य देश भी शामिल है। स्विटज़रलैंड अंतरराष्ट्रीय वित्तीय मामलों के स्टेट सेक्रे ट्रिएट (एसआईफ) ने कहा कि घरेलू वित्तीय संस्थान पहली बार कालेधन से जुड़े आंकड़े इस साल इकट्ठा कर रहें हैं।
एसआईएफ ने कहा है कि इस प्रक्रिया से पहले ये सुनिश्चित किया जाएगा कि सूचनाएं गलत हाथों में ना पड़ें या उनका दुरूपयोग ना हो। विभाग ने कहा, स्विट्जरलैंड उन सभी देशों और क्षेत्रों के साथ कर-संबंधी सूचनाओं का आदान-प्रदान करने को सैद्धांतिक रूप से तैयार है जो संबंधित शर्तों को पूरा करते हैं। इस दृष्टि से इस अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था में सूचनाओं की गोपनीयता और सुरक्षा महत्वपूर्ण बात है।
कालेधन के खतरों से निपटने की एक अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धता के तहत स्विट्जरलैंड ने एक जनवरी 2017 से सूचनाओं के स्वत: आदान-प्रदान के नियमों को प्रभावी बना दिया है। इसके तहत सूचनाओं का पहला आदान-प्रदान कुछ देशों के साथ अगले साल किया जाएगा जिनमें भारत भी शामिल है।
स्विट्जरलैंड ने कहा है कि अगर कालेधन की सूचनाओं के स्वत: आदान-प्रदान की प्रस्तावित व्यवस्था के तहत गोपनीयता की शर्त को भंग किया गया तो वह सूचना देने के काम को निलंबित कर सकता है। दरअसल, स्विटज़रलैंड ने एक समझौते के तहत अपने यहां जमा कालेधन की सूचना अन्य देशों को अगले साल साझा करने की ऑटोमेटिक एक्सचेंज व्यवस्थआ पर साइन किए थे। इस समझौते में भारत और अन्य देश भी शामिल है। स्विटज़रलैंड अंतरराष्ट्रीय वित्तीय मामलों के स्टेट सेक्रे ट्रिएट (एसआईफ) ने कहा कि घरेलू वित्तीय संस्थान पहली बार कालेधन से जुड़े आंकड़े इस साल इकट्ठा कर रहें हैं।
एसआईएफ ने कहा है कि इस प्रक्रिया से पहले ये सुनिश्चित किया जाएगा कि सूचनाएं गलत हाथों में ना पड़ें या उनका दुरूपयोग ना हो। विभाग ने कहा, स्विट्जरलैंड उन सभी देशों और क्षेत्रों के साथ कर-संबंधी सूचनाओं का आदान-प्रदान करने को सैद्धांतिक रूप से तैयार है जो संबंधित शर्तों को पूरा करते हैं। इस दृष्टि से इस अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था में सूचनाओं की गोपनीयता और सुरक्षा महत्वपूर्ण बात है।
कालेधन के खतरों से निपटने की एक अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धता के तहत स्विट्जरलैंड ने एक जनवरी 2017 से सूचनाओं के स्वत: आदान-प्रदान के नियमों को प्रभावी बना दिया है। इसके तहत सूचनाओं का पहला आदान-प्रदान कुछ देशों के साथ अगले साल किया जाएगा जिनमें भारत भी शामिल है।
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